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अमेठी में जूता बना चुनावी मुद्दा, प्रियंका और स्मृति आमने-सामने

-स्मृति इरानी के अमेठी में जूता बांटने के मामले को प्रियंका ने उठाया-कहा, अमेठी की जनता का अपमान, भीख नहीं लेते यहां के लोग

अमेठीApr 25, 2019 / 02:49 pm

Hariom Dwivedi

अमेठी में जूता बना चुनावी मुद्दा, प्रियंका और स्मृति आमने-सामने

लखनऊ. एक बार फिर भाजपा के लिए जूता मुसीबत बन गया है। संतकबीर नगर के भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी ने एक बैठक में अपनी ही पार्टी के विधायक पर जूता चलाकर भाजपा की किरकरी करायी थी। अब स्मृति इरानी ने जूते बांटने की बात कह कांग्रेस को घेरने का मौका दे दिया है। मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अमेठी में अपना पूरा दिन बिताया। उन्होंने कई जनसभाएं कीं और भाजपा उम्मीदवार स्मृति इरानी को घेरने की कोशिश कीं। उनके निशाने पर पीएम मोदी नहीं बल्कि स्मृति रहीं।

स्मृति इरानी ने अमेठी को जनता को तोहफे में जूते दिए। प्रियंका गांधी वाड्रा को यह कतई पसंद नहीं आया। उन्होंने कहा, स्मृति ने राहुल गांधी को नीचा दिखाने के लिए यहां की जनता को जूते बांटे। यह अमेठी की जनता का अपमान है। यहां की जनता ने किसी से भीख नहीं मांगती। प्रियंका के बयान के बाद अमेठी के कांग्रेसियों और तमाम ग्राम प्रधानों ने जूते एकत्र कर स्मृति इरानी के पते पर भेजने की योजना बनायी है। प्रियंका ने ग्रामप्रधानों को अपने साथ जोडकऱ स्मृति के लिए नयी मुसीबत खड़ी कर दी है।
यह था मामला
गौरतलब है कि स्मृति इरानी ने अमेठी के गौरीगंज क्षेत्र में एक जनसभा में कहा था कि बरौलिया गांव के प्रधान जब उनसे मिलने के लिए दिल्ली गये थे तो उनके पैरों में ठीक से चप्पल भी नहीं थी। तब मैंने उसकी व्यवस्था करायी थी और गांव के विकास के लिए 16 करोड़ रुपये दिलवाये थे।

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