श्रेया मिश्रा सस्पेंड रहे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की बहाली के बाद उनके मानदेय का बिल पास करने के बाद घूस मांग रही थी। इसी दौरान, विजिलेंस की टीम ने श्रेया को रंगे हाथों 30 हजार की घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, सफाई कर्मी सुशील कुमार पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मी है। वह शुक्ल बाजार में पोस्टेड हैं। 2010 और 2016 में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। सुशील कुमार ने बहाली के बाद सैलरी के लिए डीपीआरओ के चक्कर काटे। उन्होंने आरोप लगाया कि डीपीआरओ ने उनसे घूस मांगी थी। डीपीआरओ ने कहा, ‘मैं तुम्हारा काम कर दूंगी लेकिन 50 प्रतिशत घूस लूंगी जिसके लिए सफाई कर्मी तैयार हो गया और उसका दो लाख रुपये के करीब पैसा पास हो गया।’ जब डीपीआरओ द्वारा लगातार सुरेश कुमार से पैसे की मांग होने लगी तो उसने विजिलेंस टीम से शिकायत की और रिश्वत के 30 हजार रुपये देने चला गया और डीपीआरओ श्रेया मिश्रा को घूस देकर जैसे ही बाहर निकला वैसे ही विजिलेंस ने छापा मारा और रुपये श्रेया मिश्रा के पास मिला। रिश्वत का पैसा मिलते ही बिजलेंस की टीम ने डीपीआरओ को गिरफ्तार कर अमेठी के एक निजी होटल में लाकर पूछताछ किया। उसके बाद डीपीआरओ के आवास पर भी विजिलेंस का छापा पड़ा।
अन्य कागजात की भी होगी पड़ताल टीम श्रेया मिश्रा को पूछताछ के लिए ले गई है। मामले से जुड़े सभी बिंदुओं पर जांच होगी। टीम डीपीआरओ के अकाउंट से लेकर अन्य कागजात की भी पड़ताल करेगी।