पाचन तंत्र और फेफड़ों में पहुंचने की आशंका पांच मिमी से छोटे टुकड़े को माइक्रो प्लास्टिक, जबकि एक माइक्रो मीटर ( मीटर के अरबवें हिस्से) को नैनो प्लास्टिक कहा जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक नैनो प्लास्टिक इतना छोटा होता है कि इसके पाचन तंत्र और फेफड़ों तक पहुंचने की आशंका रहती है।
गर्भ तक खतरा प्लास्टिक के छोटे कण खून में मिलकर पूरे शरीर में पहुंच सकते हैं। इससे मस्तिष्क, हृदय, किडनी समेत अन्य अंगों को खतरा है। नैनो प्लास्टिक प्लेसेंटा से होकर गर्भ में पल रहे बच्चे तक भी पहुंच सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन आशंकाओं पर विस्तृत अध्ययन जरूरी है।