कैलीफोर्निया। अमरीका में कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डिनो में हुए हमले की मुख्य आरोपी तश्फीन मलिक ने 2012 और 2014 में पाकिस्तानी दोस्तों के एक समूह को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर निजी संदेश भेज कर इस्लामी जिहाद के प्रति अपना समर्थन जाहिर करते हुए उम्मीद जताई थी कि एक दिन वह इस लड़ाई में शामिल होगी। रिपोर्ट में कहा गया कि यह संदेश मलिक (29) के जुलाई 2014 में अमरीका जाने से पहले भेजे गए थे।
अमरीकी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (एफबीआई) के एजेंट ने इन संदेशों का पता लगाया है। एजेंसी यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि मलिक अथवा उसका पति सैयद रिजवान फारूक विदेशी आतंकवादी संगठनों के संपर्क में थे या नहीं और उन्हें दो दिसंबर को हमला करने के बारे में कहां से निर्देश मिला था। अखबार ने बताया कि फेसबुक संदेश से संकेत मिला है कि अमरीकी प्रवर्तन एवं खुफिया अधिकारियों ने पहली बार सोशल मीडिया की उन चेतावनियों को नजरअंदाज किया, जिनमें मलिक को एक संभावित खतरा बताया गया था।
एक अधिकारी ने कहा कि यह दोस्तों के एक छोटे समूह को भेजा गया संदेश था। यह केवल पाकिस्तान के एक समूह को भेजा गया था। यह उर्दू में लिखा हुआ था जो पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मलिक ने इस संदेश में इस्लामी आतंकवादी बनने की इच्छा जताई थी। जांच अधिकारियों ने बताया कि अब उनकी जांच इस मामले में सबूत जुटाने पर केंद्रित है कि विदेशी आतंकवादियों ने मलिक और फारूक को यह हमला करने का निर्देश दिया था या नहीं।
अमरीकी अधिकारियों ने कहा कि जांच में सबूतों से अभी यह पता लगाना बाकी है कि क्या फारुक या मलिक को विदेशी आतंकवादियों से अपने ही साथियों पर गोलियां चलाने के आदेश मिले थे। इस हमले से जुड़े सबूत जुटाने की कोशिश में लगी एफबीआई के यहां स्थित एक झील में तीन दिन तक तलाशी अभियान चलाया था। जांच दल को यहां से कुछ सबूत भी हाथ लगें। माना जा रहा है कि दो दिसम्बर को सैन बेनार्डिनो में अंधाधुंध गोलीबारी कर 14 लोगों की हत्या करने वाले मुस्लिम दम्पती आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) से प्रभावित थे हालांकि इस संबंध में अब तक ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
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