यूरोपीय नेताओं के दबाव का दिखा असर
आपको बता दें कि यूरोपीय नेताओं के दबाव के बाद यह घोषणा सामने आई है। इससे पहले फ्रांस और आयरलैंड ने कहा था कि वे तब तक इस दक्षिणी अमरीकी देश के साथ व्यापार सौदे को मंजूरी नहीं देंगे जब तक कि वह अमेजन में लगी आग से निपटने के लिए कुछ नहीं करता। यही नहीं, फिनलैंड के वित्त मंत्री ने भी यूरोपीय संघ से ब्राजील के बीफ आयात पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार करने के लिए कहा है।
कई प्रदर्शनों के बाद हो रही है कार्रवाई
इसके अलावा पर्यावरण समूहों ने आग से निपटने की मांग करते हुए शुक्रवार को ब्राजील के कई शहरों में प्रदर्शन किए। लंदन, बर्लिन, मुंबई और पेरिस समेत दुनिया भर में ब्राजील के दूतावासों के बाहर भी सैकड़ों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। इनमें से एक प्रदर्शनकारी लॉरा विलारेस हाउस ने मीडिया को बताया, ‘हम अब लंदन में भी आसमान काला होने जाने तक खड़ा होकर इंतजार नहीं करेंगे।’
अमेजन की दुर्दशा के लिए सरकार दोषी
इससे पहले बोलसोनारो ने कहा है कि उनकी सरकार के पास क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लगी आग से निपटने के लिए संसाधनों की कमी है। लेकिन संरक्षणवादियों ने अमेजन की दुर्दशा के लिए उनकी सरकार को दोषी ठहराया है। इन लोगों का कहना है कि बोलसोनारो ने लकड़हारों और किसानों को भूमि के सफाये के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे वर्षावनों की कटाई में तेजी आई है। आपको बता दें कि दुनिया के सबसे बड़े वर्षावन अमेजन (Amazon Rainforest) को ऑक्सीजन के मुख्य स्रोत के रूप में जाना जाता है। इस दुनिया का फेफड़ा भी कहा जाता है।
गुटेरेस का ट्वीट
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘वैश्विक जलवायु संकट के बीच, हम ऑक्सीजन और जैव विविधता के एक प्रमुख स्रोत का अधिक नुकसान नहीं सहन कर सकते। अमेजन को संरक्षित किया जाना चाहिए।’