शहर के चोपड़ापारा निवासी 67 वर्षीय विजय पटेल (Vijay Patel) कांटे्रेक्टर के साथ समाजसेवी भी थे। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबियत खराब चल रही थी। रविवार की रात करीब 8.30 बजे उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई। परिजन उन्हें तत्काल इलाज के लिए शहर के मिशन अस्पताल ले गए।
यहां जांच पश्चात चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फिर उनकी पूर्व इच्छा के अनुसार परिजन द्वारा उनके मृत शरीर को मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर को दान करने का निर्णय लिया गया। परिजनों की सूचना पर मेडिकल कॉलेज के रचना विभाग की टंीम ने उनके घर पहुंच कर सारी पक्रिया पूर्ण की।
सारी प्रक्रिया स्व. विजय पटेल के छोटे भाई निकुंज पटेल की पत्नी रजनी पटेल ने पूर्ण की। प्रक्रिया पूरी करने के बाद पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास पर रखा गया था। अंतिम दर्शन के बाद मंगलवार को उनके शरीर को मेडिकल कॉलेज के रचना विभाग को सौंप दिया गया।
जीते जी ही देहदान को बता चुके थे अंतिम इच्छा
स्व. विजय पटेल की अंतिम इच्छा थी कि निधन के बाद मेरे शरीर को मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर को दान कर दिया जाए। इसके लिए उन्हंोंने 1 सितंबर 2022 को ही देहदान की सारी प्रक्रिया पूर्ण की थी। इस दौरान उन्होंने मृत्यु के बाद अपने शरीर को दान करने की जिम्मेदारी छोटे भाई की पत्नी रजनी पटेल को सौंपी थी। रजनी का नाम फार्म में भी अंकित है।
स्व. विजय पटेल की अंतिम इच्छा थी कि निधन के बाद मेरे शरीर को मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर को दान कर दिया जाए। इसके लिए उन्हंोंने 1 सितंबर 2022 को ही देहदान की सारी प्रक्रिया पूर्ण की थी। इस दौरान उन्होंने मृत्यु के बाद अपने शरीर को दान करने की जिम्मेदारी छोटे भाई की पत्नी रजनी पटेल को सौंपी थी। रजनी का नाम फार्म में भी अंकित है।
छोड़ गए पत्नी सहित एक पुत्र व तीन पुत्री
स्व. विजय पटेल अपने पीछे पत्नी मधु पटेल, बेटे अर्पित पटेल व तीन बेटियों को छोड़ गए हैं। उनके बेटे व बहू मुंबई में रहकर जॉब करते हैं। पिता की मौत की सूचना पर वे अंबिकापुर पहुंचे और अपने मृत पिता के शरीर को मेडिकल कॉलेज को दान देने में भूमिका निभाई।