मानसून ब्रेक के बाद सरगुजा संभाग में झमाझम बारिश होने से किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। पिछले काफी दिनों से बारिश नहीं होने से खेतों में दरारें पडऩी शुरू हो गर्इं थीं। धान की फसल सूखने की स्थिति में आ गई थी। वहीं बुधवार की दोपहर से देर शाम तक हुई झमाझम बारिश ने धान की फसल में जान डालने का काम किया है।
इससे किसानों की मुस्कान लौट आई है। किसानों का कहना है कि यह बारिश धान की फसल के लिए काफी कारगर है। अगर बारिश नहीं होती तो धान की फसल कुछ दिनों के अंदर पूरी तरह से सूख जाती।
इसके अलावा इस बारिश से मक्के, तेलहन, दलहन की फसल को भी राहत मिली है। वहीं लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। बारिश नहीं होने और तेज धूप निकलने से उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल थे।
प्रभावी है चक्रवाती परिसंचरण
मौसम वैज्ञानिक एएम भट्ट ने बताया कि इस समय मध्य -पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में एक न्यून वायुदाब क्षेत्र विकसित हुआ है। इसके प्रभाव से बना चक्रवाती घेरा ओडिशा और छत्तीसगढ़ की ओर अग्रसर है।
मानसून द्रोणिका इस समय बीकानेर टीकमगढ़, डालटेनगंज होते हुए खाड़ी के न्यून वायुदाब क्षेत्र से होकर गुजर रही है। ओडिशा-छत्तीसगढ़ की सीमा पर एक अन्य द्रोणिका सक्रिय है जबकि दक्षिण-पश्चिम उत्तरप्रदेश और आंध्रप्रदेश के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण प्रभावी है।
दो से तीन दिनों तक वर्षा की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार मौसमी घटकों के प्रभाव से उत्तर छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में तेज गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। वहीं आगामी दो से तीन दिनों तक इन मौसमी घटकों के प्रभाव से उत्तर छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में गरज-चमक, वज्रपात सहित कुछ जगहों में मध्यम से तेज वर्षा की संभावना बनी रहेगी।