राजमिस्त्री दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा की सीतापुर के ग्राम बेलजोरा निवासी ठेकेदार अभिषेक पांडेय ने अपने ५ कर्मचारियों के साथ मिलकर 7 जून को हत्या कर दी थी। इसके बाद 8 जून को उसका शव मैनपाट के लुरैना बड़वापाट स्थित पानी टंकी के फाउंडेशन के नीचे दफन कर दिया था।
मृतक के परिजन व सर्व आदिवासी समाज द्वारा पुलिस पर दबाव बनाए जाने के बाद 6 सितंबर को संदीप की लाश मिली थी। पुलिस ने मामले (Sandeep murder case) के 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जबकि मुख्य आरोपी ठेकेदार अभिषेक पांडेय, उसका सहयोगी गौरी तिवारी व एक अन्य फरार चल रहे थे।
सरगुजा एसपी ने फरार आरोपियों का पता बताने वाले व्यक्ति को 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी। घोषणा के दूसरे दिन ही पुलिस ने गौरी तिवारी को कोरिया जिले के पटना थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बिलोरा से गिरफ्तार किया है।
यह यहां पुलिस से छिपकर रह रहा था। वहीं मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय व उसके एक अन्य सहयोगी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है जिनकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।
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Sandeep murder case: आरोपी को भेजा गया जेल
मामले (Sandeep murder case) में पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी गौरी तिवारी के खिलाफ धारा 365, 323, 34, 302, 201 एवं 3 (2)(5) एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई कर जेल दाखिल कर दिया है। जबकि इससे पूर्व पुलिस ने आरोपी प्रत्युष पाण्डेय, गुड्डू कुमार, तुलेश्वर तिवारी व शैल शक्ति साहू को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।अब तक मरच्यूरी में पड़ा है शव
मृतक संदीप (Sandeep murder case) का लगभग 3 माह बाद सड़ी-गली अवस्था में पानी टंकी के फाउंडेशन में मिला था। शव मिलने के बाद परिजन ने सर्व आदिवासी समाज के लोगों के साथ सीतापुर थाने के सामने एनएच पर चक्का जाम किया था और मामले में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। उनका कहना था कि मामले में जब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इसके बाद से परिजनों ने उसका शव लेने से मना कर दिया है। इस लिए संदीप की सड़ी-गली लाश पिछले 4 दिनों से मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मरच्यूरी में पड़ा हुआ है।