गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का 15 नवंबर को अंबिकापुर दौरा पूर्व निर्धारित था। वे आज अंबिकापुर पहुंच भी गए हैं। आरएसएस का पथ संचलन भी करीब 2.30 बजे शुरु हो गया है। यह शहर के विभिन्न मार्गों से गांधी चौक होते हुए पीजी कॉलेज मैदान में पहुंचेगा।
इधर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के काफी संख्या में महिला-पुरुषों ने गांधी चौक पर जमावड़ा लगाते हुए चक्काजाम कर दिया। वे अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सीएम के नाम जारी ज्ञापन में उन्होंने बताया है कि सर्व आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि छत्तीसगढ़ का 61 प्रतिशत भू-भाग 5वीं अनुसूची के तहत अधिसूचित है।
छत्तीसगढ़ सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह अनुसूचित जनजाति के लोगों को इस आदिवासी राज्य में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि 32 प्रतिशत आरक्षण को लेकर वर्ष 2012 में भी हमने लड़ाई लड़ी थी। 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर आरक्षण के निदान हेतु हम सडक़ पर हैं।
ये हैं 3 मांगें
सर्व आदिवासी समाज ने शासन से 3 मांगे की है। इसमें छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति (आरक्षण) अधिनियम 2022 को स्वतंत्र अधिनियम के रूप में पारित करने तथा इसे अन्य वर्गों के आरक्षण से पृथक रखने की मांग की है। वहीं 5वीं अनुसूचि क्षेत्रों में तृतीय व चतुर्थ वर्ग के पदों पर शत-प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवारों से ही भर्ती किए जाने हेतु छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में छत्तीसगढ़ के अनुसूचित क्षेत्रों में भर्ती अधिनियम 2022 पारित किया जाए।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य प्रदेशों से प्रवासी लोगों की संख्या में वृद्धि पर रोक लगाने यहां भी झारखंड की तर्ज पर 1 जनवरी 1932 के मिसल रिकॉर्ड/खतियान रिकॉर्ड के आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थायी डोमिसाइल नीति को कानूनी रूप देते हुए विधानसभा में पारित किया जाए।
विधायकों के आवास का करेंगे घेराव
सर्व आदिवासी समाज ने ये तीनों मांगें जल्द ही नहीं माने जाने पर उन्होंने अनुसूचित जाति के 32 विधायकों का त्याग पत्र मांगने उनके निवास का घेराव किया जाएगा। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी आदिवासी विधायकों की होने की बात भी उन्होंने कही है।