गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य झारखंड से जोडऩे वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 343 की हालत बेहद खराब है। सडक़ में इतने गड्ढे हैं कि सडक़ ढूंढना पड़ता है। ऐसे में इस मार्ग पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। शहर के बीच से गुजरी एनएच-78 की हालत भी दयनीय है।
कॉलेज रोड, देवीगंज, खरसिया नाका से लुचकी घाट तक सडक़ जर्जर है। इसी को लेकर युकां जिलाध्यक्ष विकल झा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने रविवार को रामानुजगंज मार्ग में बीच सडक़ पर बैठकर चक्काजाम किया। समर्थन में आस-पास के लोग भी सडक़ पर आ गए।
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। करीब एक घंटे तक चले चक्काजाम कार्यक्रम के दौरान सडक़ के दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। एंबुलेंस, बीमार और बुजुर्गों को जाम से कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखा गया।
प्रदर्शन में विनीत जायसवाल, रजनीश सिंह, संजय सिंह, नवनीत तिवारी, जवाहर सोनी, लवकेश पासवान, गोल्डी जायसवाल, राजन सिंह, आतिफ रजा, सुधीर गुप्ता, विकास केशरी, हिमांशु अग्रवाल, आकाश अग्रहरी, प्रीतिका विश्वकर्मा, जिशान रजा सहित अन्य उपस्थित थे।
एनएच से नहीं पहुंचे जिम्मेदार
जनसुविधाओं का राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग (NH department) को कितनी परवाह है, इसका नजारा रविवार को युकां के चक्काजाम कार्यक्रम के दौरान देखने को मिला। तीन दिन पहले चक्काजाम की सूचना देने और घंटेभर सडक़ जाम रहने के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग को कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा।
मौके पर मौजूद सीएसपी और तहसीदार ने फोन कर एनएच के अधिकारियों से आने का आग्रह किया, फिर भी कोई नहीं आया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने नायब तहसीलदार के माध्यम से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है। इस अवधि में सडक़ मरम्मत का कार्य शुरु नहीं होने पर राष्ट्रीय राजमार्ग के दफ्तर में तालाबंदी की चेतावनी दी गई है।