पत्रिका ने साइबर ठगी को लेकर ‘रक्षा कवच अभियान’ (Patrika Raksha Kavach) चला रखा है। लोग इस अभियान में जुड़ भी रहे हैं और जागरुक हो रहे हैं। ऐसी ही एक कहानी अंबिकापुर निवासी ललित जगत की है। वह शासकीय कर्मचारी हैं।
इनके पास बुधवार की दोपहर एक ठग का फोन आया था, लेकिन इन्होंने पत्रिका में छप रही साइबर क्राइम की खबरों को पढ़ा था। इसलिए वह साइबर ठगी होने से बच गए।
यह भी पढ़ें
Weather updates: कड़ाके की ठंड: अंबिकापुर का पारा पहुंचा 6.9 तो मैनपाट का 4 डिग्री, जमने लगीं ओस की बूंदें
‘हैलो कैसें हैं? मैं शर्मा जी बोल रहा हूं’
शहर के पटेलपारा निवासी ललित जगत शासकीय कर्मचारी हैं। इनके मोबाइल पर बुधवार की दोपहर अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाला व्यक्ति बोला- हैलो ललित, मैं शर्मा बोल रहा हूं। ललित ने कहा कि कौन शर्मा? अरे, मैं शर्मा बोल रहा हूं, मुझे नहीं पहचान पाए। ये बात सुनकर उन्हें लगा कि असिस्टेंट टे्रजरी ऑफिसर शर्मा जी हैं। तो उन्होंने कहा कि हां सर बताइए। फिर कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा- इसी नंबर पर पे-टीएम व फोन-पे चलाते हो न। इस पर ललित को शक हुआ और दोबारा उन्होंने पूछा कि आप कौन से वाले शर्मा बोल रहे हैं। इतना सुनते ही अज्ञात व्यक्ति ने कॉल कट कर दिया।
इसके बाद उन्होंने असिस्टेंट ट्रेजरी ऑफिसर को कॉल कर पुष्टि की तो माजरा समझ में आ गया और यह कहानी पत्रिका से साझा की। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से मैं पत्रिका (Patrika Raksha Kavach) में साइबर ठगी से संबंधित खबरें पढ़ रहा हूं, यही वजह है कि वे ठग के झांसे में नहीं आए।
यह भी पढ़ें
School timing change: कड़ाके की ठंड में बदला सरगुजा के स्कूलों का समय, जानिए अब कितने बजे से लगेंगीं कक्षाएं
Patrika Raksha Kavach: इस तरह रहें सावधान
- डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था नहीं होती है, कोई कहता है तो बिल्कुल बातों में न आएं।
- कोई अनजान वीडियो कॉल में पुलिस या वकील की वर्दी पहनकर आपको डराने का प्रयास करे तो सीधे थाने में मामले दर्ज कराएं।
- किसी को निजी जानकारी सोशल मीडया पर न दें।
- रुपयों की मांग यदि वीडियो कॉल पर की जा रही है तो तत्काल फोन कट कर परिचितों को जानकारी दें।
चलाया जा रहा जागरुकता अभियान
सरगुजा एसपी योगेश पटेल का कहना है कि समय-समय पर स्कूल-कॉलेज व ग्रामीण क्षेत्रों में सरगुजा पुलिस द्वारा साइबर ठगी से बचाव को लेकर लोगों को जागरुक (Patrika Raksha Kavach) किया जा रहा है। लोग लालच में आकर ठगी के शिकार हो रहे हैं। मैं बार-बार लोगों से अपील भी कर रहा हूं कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। इस तरह के कॉल आने पर तत्काल इसकी जानकारी पुलिस को दें। वहीं फर्जी कॉल से बचें। अक्सर लोग लालच में आकर ठगी के शिकार हो रहे हैं।
शहर में पिछले महीने ये केस भी आया था सामने
कृपाशंकर गुप्ता रामानुजगंज रोड स्थित संजय पार्क के पास रहते हंै। वह वन विभाग में डिप्टी रेंजर से सेवानिवृत हंै। 20 नवंबर की दोपहर इनके मोबाइल पर एक अज्ञात व्यक्ति का वाट्सएप कॉल (Patrika Raksha Kavach) आया था और रिसीव करने पर बोला गया कि मैं क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूं, आपके बेटे को एक केस में पकड़ लिया हूं। अगर उसे छुड़ाना चाहते हो तो मेरे बताए गए खाता नंबर पर 50 हजार रुपए जमा करो। सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर डर कर खाता नंबर पर ५० हजार रुपए डाल दिए थे। इस मामले की शिकायत पर पुलिस विवेचना कर रही है।