पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव करीब 2 किमी की पहाड़ी पगडंडियों को पार कर बधियाचुआं के बोदार क्षेत्र में पहुंचे। 2 दिन पूर्व ही अम्बिकापुर पहुंचने पर ग्राम बधियाचुआं जाकर वहां के ग्रामीणों से उन्होंने इस अतिक्रमण पर जानकारी ली थी। इसके बाद वन विभाग को इस बात से अवगत कराया था।
वन विभाग के अधिकारियों ने इसपर तत्काल जांच का आश्वासन दिया था। लेकिन वन विभाग द्वारा यहां अतिक्रमण नहीं होने की बात कही गई है। कब्जा (Land encroachment) बधियाचुआं गांव की वन भूमि से प्रारंभ होकर कटनी-गुमला नेशनल हाइवे के 500 मीटर पहले तक है। इस कब्जा क्षेत्र में मेड़बंदी कर जमीन का बंटवारा भी किया गया है।
वन विभाग के रुख पर जताई आपत्ति
मौका मुआयना के बाद टीएस सिंहदेव ने वन विभाग के रुख पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि वन विभाग के कर्मचारयों का सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो अतिक्रमण को समर्थन और शह देता प्रतीत होता है। इस दौरान उनके साथ जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता, मो. इस्लाम, अनूप मेहता, बधियाचुआं की सरपंच वैशाली कुजूर, उपसरपंच राजू चिर्रे, खैरबार के पूर्व सरपंच इंदर साय एवं काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
यह भी पढ़ें
Land encroachment: शहर के पास 30 हेक्टेयर वन भूमि पर कब्जा, पूर्व डिप्टी सीएम ने प्रशासन पर लगाया ये आरोप ‘विभाग गूगल मैप से लगाए पता’
टीएस ने कहा कि वन विभाग के अधिकारी अपने कैमरों में गूगल नक्शे के माध्यम से अतिक्रमण (Land encroachment) की सच्चाई का पता कर सकते हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर वन विभाग के कर्मचारियों का वायरल वीडियो तो सच्चाई पर पर्दा डालने का प्रयास है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि वे अतिक्रमण रोकें, अन्यथा उनके पास अतिक्रमण स्थल पर आकर भूख हड़ताल करने के अलावा और कोई चारा नहीं बचेगा।