गौरतलब है कि लखनपुर के भंडारपारा बेलगदी निवासी कलावती शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षिका है। 11 से 13 मार्च तक डाइट अंबिकापुर में एफएलएन का प्रशिक्षण चल रहा था। प्रशिक्षण के दूसरे दिन कलावती अपनी 4 वर्षीय बेटी ध्वनि को लेकर प्रशिक्षण लेने आई थी। मासूम बच्ची प्रशिक्षण कक्ष के बाहर आंगन में खेल रही थी और आवेदिका प्रशिक्षण ले रही थी।
इसी बीच दोपहर करीब 12 बजे अचानक बच्ची गायब हो गई। कलावती व अन्य लोग बच्ची को खोजने लगे, लेकिन उसका पता नहीं चल रहा था। इस दौरान कलावती संस्था की तात्कालीन प्राचार्या से उसे ढूंढने में मदद करने निवेदन किया, साथ ही प्राचार्या को संस्था में लगे सीसीटीवी के माध्यम से उसकी बेटी को खोजने का कई बार निवेदन किया।
परन्तु प्राचार्या द्वारा जानबूझकर कलावती के निवेदन को ठुकरा दिया गया तथा संस्था में लगे सीसीटीवी के फुटेज को तुरन्त नहीं देखा गया। कुछ देर बाद संदेह होने पर लोगों ने डाइट के आंगन में असुरक्षित ढंग से बने भूमिगत पानी टंकी में देखा तो बालिका उसमें डूबी हुई थी।
उसे संस्था के ही एक कर्मचारी द्वारा तत्काल बाहर निकाला गया और इलाज के लिए निजी अस्पताल ले जाया गया। यहां जांच पश्चात चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
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मृतका की मां ने संस्था के प्राचार्या शशि सिंह पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए 24 मार्च को कलावती ने शिकायत दर्ज कराई थी और सीसीटीवी फुटेज की मांग की थी। मृतका की मां की शिकायत के बाद भी पुलिस द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया और न ही सीसीटीवी फुटेज की मांग की गई।
इसके बाद कलावती ने कलेक्टर सरगुजा को कार्यवाही हेतु एक शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया गया था। उपरोक्त सभी आवेदनों पर पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही आज तक नहीं की गई है। पुलिस व जिला प्रशासन की उदासीनता को देखते हुए कलावती ने न्यायालय में परिवाद पेश किया है।
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दायर परिवाद में मृतका की मां कलावती ने आरोप लगाया है कि निवेदन के बाद तत्काल प्राचार्या द्वारा सीसीटीवी फुटेज की जांच करा दी जाती तो मेरी बेटी के टंकी में गिर जाने का पता चल जाता और उसे समय रहते बाहर निकाल लिया जाता। लेकिन निवेदन के बाद भी प्राचार्या द्वारा सीसीटीवी की जांच नहीं कराई गई। यह उनके पदीय कर्तव्यों में घोर लापरवाही एवं उपेक्षापूर्ण दायित्व को दर्शाता है।