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अंबिकापुर

Flood in river: नदी में अचानक बढ़ गया जल स्तर, पुल नहीं होने से दूसरे छोर पर घंटों फंसे रहे स्कूली बच्चे

Flood in river: वर्षों से पुल निर्माण की मांग करते आ रहे हैं ग्रामीण लेकिन जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं, एंबुलेंस तक नहीं पहुंचा पाता है गांव में

अंबिकापुरAug 07, 2024 / 06:00 pm

rampravesh vishwakarma

लखनपुर. Flood in river: जिले के लखनपुर विकासखंड के सुदूर वनांचल ग्राम पटकुरा और चिता घुटरी के बीच बहने वाली नदी का जल स्तर बढऩे (Flood in river) से मंगलवार की शाम लगभग 4 बजे दो दर्जन से अधिक स्कूली बच्चे और ग्रामीण नदी के दूसरी छोर पर फंसे रहे। पहाड़ी नदी होने के कारण बरसात के दिनों में पटकुरा नदी का जल स्तर बढ़ (Flood in river) जाने से नदी पार कर आने जाने वाले स्कूली बच्चों और ग्रामीणों के लिए खतरा बना रहता है।
लखनपुर ब्लॉक अंतर्गत पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों द्वारा पटकुरा नदी (Flood in river) के ऊपर पुल बनाए जाने की मांग प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायकों से की जाती रही है। प्रदेश में सरकार बदली, क्षेत्र के विधायक बदले और कई जनप्रतिनिधि बदल गए, लेकिन ग्रामीणों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
2 दशक से ग्रामीणों को पुल बनाए जाने का सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। लेकिन आज तक पुल का निर्माण नहीं हो सका है। ग्राम पटकुरा के आश्रित ग्राम कुकुरटांगा चिताघुटरी और काशीडांड़ बरसात के दिनों में नदी में जल स्तर बढऩे से ब्लॉक मुख्यालय और पंचायत से कट जाते हैं।
इससे तीनों आश्रित ग्रामों के स्कूली बच्चों, गर्भवती महिलाओं और ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दो दशकों से यह समस्या बनी हुई है। शासन प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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नदी पार कर जाते हैं ब्लॉक मुख्यालय

ग्राम पटकुरा के आश्रित ग्राम चिताघुटरी, काशी डांड़, कुकुरटांगा में बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। प्रतिदिन स्कूली बच्चों और बीमार ग्रामीणों को नदी पार कर पंचायत और ब्लॉक मुख्यालय आना पड़ता है।
Flood in river
बरसात के दिनों में नदी का जल स्तर बडऩे से नदी पार कर आने जाने वाले स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को खतरा बना रहता है। कई बार नदी पार करने के दौरान मोटरसाइकिल सवार ग्रामीण गिरकर घायल भी हो चुके हैं।
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एंबुलेंस तक मरीजों को लाने में होती है परेशानी

पुल नहीं होने के कारण गांव तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं और बीमार ग्रामीणों को खाट में उठाकर पंचायत व मुख्यालय नदी पार कर लाना पड़ता है। तब उन्हें एंबुलेंस की सुविधा मिल पाती है।
नदी के ऊपर पुल नहीं होने से एंबुलेंस की सुविधा इन आश्रित ग्रामों के ग्रामीणों को नहीं मिल पाती है। पूर्व में सर्पदंश से ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है।

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