25 अगस्त की रात करीब 9.15 बजे अंबिकापुर के प्रतीक्षा बस स्टैंड में कार के भीतर 2 युवक शराब पी रहे थे। इस दौरान वहां पहुंचे बस के एक कर्मचारी ने बस पार्क करने उनकी कार हटाने कहा। इस पर राजू राजवाड़े (Minister brother-in-law case) नामक युवक ने उससे गाली-गलौज शुरु कर दी।
यह देख बस स्टैंड पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी प्रधान आरक्षक देवनारायण नेताम वहां पहुंचा और कार सवारों को खुलेआम शराब पीने से मना किया। इस पर राजू राजवाड़े खुद को मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का जेठ (Minister brother-in-law case) बताते हुए उन्हें धौंस दिखाने लगा।
उसने कहा कि कोई थाने वाला उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यही नहीं, उसने पुलिसकर्मी की वर्दी पकडक़र खींचा तो उसका बैज टूटकर गिर गया था। इसके बाद पुलिसकर्मी ने राजू राजवाड़े (Minister brother-in-law case) व साथी राजू सिंह को सहायता केंद्र के भीतर बैठा लिया था।
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Minister brother-in-law case: 5 दिन बाद एफआईआर दर्ज
सहायता केंद्र प्रभारी की लिखित शिकायत के बाद भी एसपी का फोन आने के बाद कोतवाली टीआई ने मंत्री के जेठ को छोड़ दिया था। उल्टा उसे ही मौखिक रूप से लाइन अटैच कर दिया गया। घटना के 6वें दिन 30 अगस्त को बस कर्मचारी की शिकायत पर पुलिस ने मंत्री के जेठ (Minister brother-in-law case) पर बीएनएस की धारा 296, 351 (2) तथा आबकारी एक्ट की धारा 36 (च) के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।