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इस कार्य के लिए चार कंपनियों द्वार ट्रायल का कार्य पूरा कर लिया गया है। सभी का ट्रायल सफल रहा है, अब आगे निविदा प्रक्रिया करने की तैयारी की जा रही है। जिस कंपनी की गुणवत्ता अच्छी रहेगी, उसे ही कार्य दिया जाएगा। दरअसल कंपनियों की ट्रायल रिपोर्ट भेेजे जाने के बाद निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने में पूरा मार्च बीत जाएगा। इसलिए नए वित्तीय वर्ष में किसी एक कंपनी को कार्य मिलने के बाद अप्रैल-मई के बीच में मेडिकल कॉलेज अस्पताल से ड्रोन सेवा प्रारंभ होने की उम्मीद जताई जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट में अंबिकापुर भी केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन सेवा के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज भी चयनित हुआ है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले वित्तीय वर्ष में अप्रैल-मई के बीच सैंपल व दवाओं को लाने-ले जाने के लिए यहां ड्रोन सेवा प्रारंभ हो सकती है। ड्रोन सेवा के लिए चार कंपनियों रेड विंग, टेक इगल, स्काई एयर व तवास ने अलग-अलग तिथियों में ट्रायल किया। ट्रायल के दौरान कंपनियों ने मेडिकल कॉलेज से 40 किमी दूर उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य ड्रोन से 30 मिनट में सैंपल पहुंच गया। फिर उदयपुर से भी सैंपल आने में 30 मिनट का ही समय लगा। चारों कंपनियों का ट्रायल सफल रहा है। ट्रायल की रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन द्वारा शासन को भेज दी गई है।
ड्रोन की कमान संभालेंगी आरती व संध्या अब निविदा प्रक्रिया करने की तैयारी की जा रही है। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने बताया कि इस सेवा का उद्देश्य ड्रोन के माध्यम से सैंपल, किट, रिजेंट, जीवन रक्षक दवाइयों को आसानी से व काफी कम समय में पहुंचाना है। यह व्यवस्था स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए दूरगामी सोच का परिणाम है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में और वृद्धि होगी। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में ड्रोन की कमान स्व सहायता समूहों से जुड़ीं आरती व संध्या संभालेंगी। इन्होंने दिल्ली में ड्रोन संचालन में ट्रेनिंग ली है।
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