कलेक्टर ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण करना दंडनीय अपराध है। आम जन की सुविधा का ध्यान रखें, उल्लंघन पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। बैठक में बताया गया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण रात 10 से सुबह 6 बजे तक ध्वनि यंत्रों पर पूर्णत: प्रतिबंध है।
निर्धारित साउंड लिमिट के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र में 75 डेसिबल, वाणिज्य क्षेत्र में 65 डेसिबल, आवासीय क्षेत्र में दिन के समय 55 डीबीए, शांत परिक्षेत्र में दिन के समय 50 डेसिबल तक सीमा निर्धारित है। शांत परिक्षेत्र में या साइलेंस जोन में हॉस्पिटल, विद्यालय या कोई भी शिक्षण संस्थान एवं न्यायालय के 100 मीटर का एरिया सम्मिलित है।
साइलेंट जोन में इन नियमों का उल्लंघन करने पर पेनाल्टी का प्रावधान है। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के साउंड एमप्लीफायर, ड्रम, टॉम टॉम, ट्रंपेट, तेज गति वाले हॉर्न, तेज आवाज वाले पटाखे, लाउडस्पीकर एवं पब्लिक एड्रेस सिस्टम के उपयोग पर जुर्माना लगाया जाएगा।
इस दौरान एएसपी पुपलेश कुमार, अपर कलेक्टर सुनील नायक, एसडीएम अंबिकापुर पूजा बंसल सहित जिला स्तरीय अधिकारी एवं डीजे संचालक उपस्थित थे।
उपकरणों में लगवाएं साउंड लिमिटर
पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने नियमों एवं प्रावधानों से अवगत कराया। उन्होंने ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 एवं छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के प्रावधानों का उपयोग करते हुए सभी जिलों में नियमों, निर्देशों का उल्लंघन करने वाले उपकरणों पर अभिग्रहण एवं राजसात करने के निर्देश दिए।
उपकरणों में लगवाएं साउंड लिमिटर
पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने नियमों एवं प्रावधानों से अवगत कराया। उन्होंने ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 एवं छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के प्रावधानों का उपयोग करते हुए सभी जिलों में नियमों, निर्देशों का उल्लंघन करने वाले उपकरणों पर अभिग्रहण एवं राजसात करने के निर्देश दिए।
इसके अनुसार ध्वनि प्रणाली के उपकरणों को किराए पर देने वालों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि साउंड लिमिटर लगा हो। बिना साउंड लिमिटर लगे डीजे एवं साउंड एमप्लीफायर के साथ ही प्रेशर हॉर्न को राजसात किया जाएगा, यह नियम केवल डीजे एवं साउंड सिस्टम पर ही नहीं प्रेशर हार्न एवं पटाखों पर भी लागू होता है।