निगम क्षेत्र में सीवरेज सिस्टम का कोई अता-पता नहीं है। वहीं सडक़ों की भी स्थिति कुछ अच्छी नहीं है। हालांकि कुछ सडक़ों की मरम्मत कराई गई है। वहीं सौंदर्यीकरण की बात करें तो इस दिशा में भी नगर निगम का कोई बेहतर काम नहीं दिख रहा है। इधर स्वच्छता स्र्वेक्षण (Cleanliness Survey) संभवत: नवंबर में हो सकता है। इससे पूर्व की तैयारियां चल रहीं हैं।
हालांकि पिछले वर्ष जिस वजह से नंबर कटे थे उस पर अभी भी नगर निगम का ध्यान नहीं है। शहर में सीवरेज नेटवर्क न होने, खस्ताहाल सडक़ें व सौंदर्यीकरण पर कोई काम नहीं किए जाने से वर्ष 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अंबिकापुर देश में चौथे स्थान से 27वें स्थान पर पहुंच गया है। सीवरेज नेटवर्क को लेकर अंबिकापुर नगर निगम के पास अभी भी कोई योजना नहीं है।
Cleanliness Survey: शहर की अधिकांश सडक़ें जर्जर
शहर की सडक़ों की बात करें तो अधिकांश अभी भी जर्जर हंै। चौक-चौराहों के सौंदर्यीकरण को लेकर भी कोई बेहतर कार्य नहीं किया गया है। नगर निगम पूर्व की तरह ही केवल जीरो वेस्ट मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सहित अन्य पर फोकस किए हुए है। जबकि इन सारे कामों को लेकर पिछले वर्ष स्वच्छता रेटिंग में कोई अंतर नहीं पड़ा था। निगम (Cleanliness Survey) क्षेत्र में आवासीय एवं व्यवसायिक क्षेत्र में कचरा मुक्त करने हेतु 150 मैनुअल, 30 ई रिक्शा, 10 ऑटो टिपर लगाए गए हैं, जिसके माध्यम से 450 स्वच्छता दीदियां प्रतिदिन आवासीय क्षेत्र में दिन में एक बार व व्यवसायिक क्षेत्र में दिन में 2 से 3 बार कचरा संग्रहण कर रहीं हंै।
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नगर निगम में इस तरह संचालित हो रही सफाई व्यवस्था
1. प्रतिदिन 20 एसएलआरएम केंद्रों में 25 टन गीला कचरा संग्रहित (Clean city Ambikapur) होता है, जिसका घुटरापारा, डीसी रोड, न्यू बस स्टैंड एसएलआरएम सेंटर में कंपोस्ट बनाने में उपयोग किया जा रहा है, निर्मित खाद का विक्रय भी नियमित रूप से हो रहा है।2. सूखे कचरे को अलग-अलग श्रेणी में पृथकीकरण कर रीसाइक्लिंग हेतु अधिकृत विक्रेता को विक्रय किया जा रहा है। इससे दीदियों को प्रतिमाह लगभग 12 लाख की आय हो रही है।
3. 50 माइक्रोन से ऊपर के प्लास्टिक के उपयोग पर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल और निगम की संयुक्त टीम द्वारा समय-समय पर कार्यवाही कर जब्ती और जुर्माने की कार्यवाही की जा रही है।
4. नागरिक शिकायत एवं फीडबैक हेतु टोल फ्री नंबर 1100 सेवा चल रही है जिसके माध्यम से प्राप्त शिकायत का त्वरित निराकरण किया जा रहा है।
4. नागरिक शिकायत एवं फीडबैक हेतु टोल फ्री नंबर 1100 सेवा चल रही है जिसके माध्यम से प्राप्त शिकायत का त्वरित निराकरण किया जा रहा है।
5. नगर में झाडू़ एवं नाली सफाई से निकलने वाले कचरे के निपटान हेतु 70 एमएम, 30, एमएम 4 एमएम का ट्रॉमेल स्क्रीन मशीन स्थापित किया गया है, जिससे कचरे का निष्पादन किया जाता है।
6. निगम क्षेत्र में 20 एसएलआरएम केन्द्र हंै, जो व्यवस्थित रूप से संचालित हंै, इसके कारण प्रतिवर्ष दीदियों की आय में वृद्धि हुई है। महज 2000 प्रतिमाह मानदेय से कम की शुरुआत दीदियों ने की थी जो अब बढ़ कर 10200 प्रतिमाह हो गया है।
6. निगम क्षेत्र में 20 एसएलआरएम केन्द्र हंै, जो व्यवस्थित रूप से संचालित हंै, इसके कारण प्रतिवर्ष दीदियों की आय में वृद्धि हुई है। महज 2000 प्रतिमाह मानदेय से कम की शुरुआत दीदियों ने की थी जो अब बढ़ कर 10200 प्रतिमाह हो गया है।
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32 से 35 लाख रुपए हर महीने खर्च
अंबिकापुर नगर निगम (Cleanliness Survey) के सफाई व्यवस्था पर हर महीने 32 से 35 लाख रुपए खर्च होते हैं। 16 लाख रुपए यूजर चार्ज से व 12 लाख रुपए कचरे से आय होती है। इस तरह से निगम को 26 से 28 लाख रुपए की आय होती है और 32 से 35 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं।एक ही डिब्बे में डाल रहे गीला व सूखा कचरा
हर घर से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग लिया जा रहा है, इस कार्य हेतु निगम आयुक्त द्वारा वार्ड प्रभारियों का दल बनाया गया है, जो समय-समय पर वार्ड में भ्रमण कर उन लोगों को समझाइश या जुर्माना की कार्रवाई करते हैं जो मिक्स कचरा देते हैं या कचरा बाहर फेंकते हंै। लेकिन अधिकांश घरों में अभी भी लोग जागरुक नहीं हो रहे हैं। गीला व सूख कचरा एक ही डिब्बे में डाल रहे हैं। यह भी पढ़ें