– जिला परिषद 4.13 करोड़ रु़पए की वसूली नहीं कर पाई, ब्याज तो दूर मूल पैसे भी नहीं आए – घोटाला करने में सरपंच, विकास अधिकारियों का हाथ, वर्षों से चला आ रहा है ये खुला खेल
प्रदेश व केंद्र सरकार ने विकास के लिए रकम ग्राम पंचायतों को भेजी लेकिन इस रकम का उपयोग जनता की सुविधाओं पर कम हुआ। करोड़ों रुपए सरपंचों से लेकर विकास अधिकारी डकार गए। ये प्रमाणित हो गया लेकिन 4.13 करोड़ रुपए की वसूली जिला परिषद आज तक नहीं कर पाई। लगातार इस रकम पर ब्याज बढ़ रहा है। मूलधन तक अब तक नहीं आया। ये रकम उन 31 मामलों की है जो 50 हजार से अधिक के गबन के हैं। अब इन मामलों में वसूली खुद सरकार अपने स्तर से करेगी। जानकारों का कहना है कि सरकार के स्तर से ही नोटिस जारी होंगे। इस लपेटे परिषद के जिम्मेदार भी आ सकते हैं।
ये गबन पंचायत समिति रामगढ़ व लक्ष्मणगढ़ में अधिक हुए। रामगढ़ क्षेत्र पर 2.94 करोड़ रुपए बकाया हैं। वहीं लक्ष्मणगढ़ पर करीब 93 लाख रुपए। मुंडावर पंचायत समिति के हिस्से में भी 10 लाख से अधिक के गबन हुए। नीमराणा में 1.40 लाख रुपए के गबन हुए। जानकारों का कहना है कि रामगढ़ क्षेत्र से पैसे की वसूली हो तो खजाने में मोटी रकम आ सकती है। इसी तरह लक्ष्मणगढ़ में भी मोटी रकम बकाया है। जिला परिषद साल में दो बार इसके लिए पत्र जारी करती है लेकिन पंचायत समितियों के बीडीओ इनको गंभीरता से नहीं लेते। सितंबर के आखिरी सप्ताह में खुद सरकार ने इस रकम की वसूली के लिए कहा। समीक्षा आदि भी की गई लेकिन असर कुछ नहीं हुआ। घोटाला करने वालों का संरक्षण मिला हुआ है। जिला परिषद ने भी अक्टूबर में इसको लेकर बैठक की। समीक्षा की गई। बीडीओ आदि से वसूली के लिए कहा गया लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई। अफसर यही कह रहे हैं कि फिर से संबंधित लोगों को नोटिस जारी होंगे।