दरअसल, सरकार का प्रयास है कि बच्चों को पौष्टिक और सेहतमंद भोजन परोसा जाए। एक ही मां ही है जो भोजन के चखकर बता सकती है कि वह बच्चे के लिए कितना फायदमेंद है। यही वजह है कि अगर भोजन को चखकर मां कहेगी सही है, तभी इसे नौनिहलों को परोसा जाएगा। खाना प्रति नौनिहाल के हिसाब से तौल व गुणवत्ता में है या नही आदि बातों को भी स्कूल में पहुंचने वाली पांच महिलाएं परखेंगी। इसके लिए निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर ने नवीन निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार प्रतिदिन नौनिहालों की पांच माताओं को बारी-बारी विद्यालय में आमंत्रित किया जाएगा।
यह निरीक्षण महिलाओं के लिए ऐच्छिक होगा। अलवर जिले में संचालित सरकारी स्कूलों की संख्या 2782 है। इसमें कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक 2 लाख 61 हजार 718 नौनिहाल पढ़ाई कर रहे हैं। जो मिड-डे मील का फायदा ले रहे हैं।
योजना में हो सकते है कई सुधार
भोजन चखने के लिए सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य व शिक्षकों को सप्ताह भर का कैलेन्डर तैयार करना होगा।
माताएं प्रार्थना स्थल पर दूध आदि की व्यवस्थाओं को देखेंगी और इनके सुझाव रजिस्टर में लिखेंगी। आदेश में इसकी मॉनिटरिंग के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को नियुक्त किया है। वहीं, विभाग की ओर से चलाई गई योजना अगर सफल होती है तो खाने की गुणवत्ता सुधरेगी। माताएं स्कूल में पहुंचेंगी तो नौनिहालों की पढ़ाई में भी सुधार देखने को मिलेगा। माताएं स्कूल में आएंगी तो लेट आने वाले शिक्षको पर भी कार्रवाई हो सकती है।
ये रहेगा खाने का मैन्यूसोमवार – रोटी-सब्जी, दाल
मंगलवार- दाल-चावल अथवा सब्जी
बुधवार- रोटी-दाल
गुुरुवार – खिचड (दाल, चावल, सब्जी आदि युक्त)
शुक्रवार- दाल-रोटी
शनिवार – रोटी- सब्जी एंव दाल
कक्षा विद्यार्थियों की संख्या
नर्सरी 381
एलकेजी 607
यूकेजी 508
कक्षा -1 1894
कक्षा -2 34474
कक्षा -3 39753
कक्षा -4 36493
कक्षा -5 39334
कक्षा -6 36450
कक्षा -7 36462
कक्षा -8 35362
मिड डे मील की गुणवत्ता को सुधारने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब प्रत्येक दिन पांच माताएं मिड-डे मील का भोजन चखेंगी। साथ ही निरीक्षण के दौरान आने वाले अधिकारी भी भोजन चखकर गुणवत्ता जांचेंगे। – नेकीराम, जिला शिक्षा अधिकारी, अलवर