प्रदेश सरकार का खजाना खाली है। नए कामों पर रोक लग गई। टेंडर नहीं होंगे। सरकार खजाना भरने के रास्ते तलाश रही है। जिला परिषद के अफसर भी यदि मेहनत करें तो सरकार की करोड़ों रुपए की मदद कर सकते हैं। यहां गबन व भ्रष्टाचार कर 4.40 करोड़ रुपए हड़प लिए गए। यदि ये राशि वसूल ली गई तो कुछ राहत मिलेगी। हालांकि अफसर वर्षों से ये रकम नहीं वसूल पाए। केवल नोटिस जारी करते हैं। जानकारों का कहना है कि 50 हजार से अधिक गबन करने वालों पर रिपोर्ट कराई जाए तो रकम खजाने में जल्द आएगी। जिला परिषद ने कामों के समायोजन के लिए शिविर लगाने का कैलेंडर जारी किया है लेकिन वसूली की ओर से ध्यान नहीं दिया।
जिला परिषद के अधीन 16 पंचायत समितियां हैं। पिछले वर्षों में इन समितियों में 633 गबन हुए। इसमें 602 गबन 50 हजार से कम रकम के हैं। बाकी 31 गबन 50 हजार से अधिक के हैं। ये मामले ऑडिट के जरिए पकड़े गए थे। 50 हजार से अधिक के गबन पंचायत समिति रामगढ़ व लक्ष्मणगढ़ में हुए। रामगढ़ में 2.94 करोड़ के गबन किए गए। लक्ष्मणगढ़ में 80 लाख के अधिक के गबन हुए। मुंडावर में भी गबन किए गए। इन गबन पर ऑडिट की चिट्ठी आती है तो परिषद के अफसर संबंधित लोगों को एक पत्र नोटिस के रूप में भेजकर शांत हो जाते हैं। जानकारों का कहना है कि यदि विभाग ये रकम वसूलने के लिए भ्रष्टाचारियों पर रिपोर्ट दर्ज कराता तो खजाना भर जाता।