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अलवर

कागजों में अटका सिंथेटिक ट्रैक, 10 साल से चल रही मांग

जिले के खिलाडिय़ों ने अपनी मेहनत के दम पर देश-विदेश में अपना परचम लहराया है, लेकिन पिछले 10 से चली रही ङ्क्षसथेटिक ट्रैक की मांग इस बार भी अधूरी रह गई।
बजट में कई जिलों में इस ट्रैक के बनाने की घोषणा की गई, लेकिन अलवर इसमें जगह नहीं बना पाया। इससे सैकड़ों खिलाडिय़ों में निराश है। पूरे राजस्थान में से सबसे ज्यादा मेडल एथलेटिक्स में अलवर के नाम दर्ज किए गए हैं।

अलवरJul 23, 2024 / 06:24 pm

Pradeep

किसी भी पार्टी ने नहीं उठाया मुद्दा
अलवर को छोडकऱ कई जिलों में बनाया जाएगा ङ्क्षसथेटिक ट्रैक
अलवर. जिले के खिलाडिय़ों ने अपनी मेहनत के दम पर देश-विदेश में अपना परचम लहराया है, लेकिन पिछले 10 से चली रही ङ्क्षसथेटिक ट्रैक की मांग इस बार भी अधूरी रह गई।
बजट में कई जिलों में इस ट्रैक के बनाने की घोषणा की गई, लेकिन अलवर इसमें जगह नहीं बना पाया। इससे सैकड़ों खिलाडिय़ों में निराश है। पूरे राजस्थान में से सबसे ज्यादा मेडल एथलेटिक्स में अलवर के नाम दर्ज किए गए हैं। अगर खिलाडिय़ों को ङ्क्षसथेटिक ट्रैक मिल जाता तो खिलाड़ी अपने कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन कर पाते। बताया जा रहा है कि जब यहां के खिलाड़ी बाहरी राज्यों और जिलों में आयोजित प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने जाते है तो उनको ङ्क्षसथेटिक ट्रैक मिलता है। जबकि अलवर में खिलाड़ी मिट्टी के मैदान पर प्रैक्टिस करते हैं। जिला खेल अधिकारी अंजना शर्मा ने बताया कि प्रपोजल भिजवाया है।
आंदोलन भी हो चुके… नेता नहीं उठा पाए मुद्दा
जिले में ङ्क्षसथेटिक ट्रैक की मांग के लिए कई बार आंदोलन भी हो चुके है, लेकिन अब तक ङ्क्षसथेटिक ट्रैक नहीं बन पाया है। अब तक न तो कांग्रेस और न भाजपा के नेताओं ने ट्रैक का मुद्दा सदन में उठाया है। ये केवल राजनीति के फेर में अटका हुआ है। अगर किसी भी दल की ओर से मांग की जाए तो अलवर को ङ्क्षसथेटिक ट्रैक मिल सकता है। इसके निर्माण के लिए कई बार पत्रावली चल चुकी है।

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