सूत्रों के अनुसार कठूमर रोड पर एक पेट्रोल पंप के समीप स्थित श्रीमुरली मनोहर एवं राधा बल्लभ विराजमान मूर्ति मंदिर के स्वामित्व की गांव सौखर, खेरली मंडी में जमीन है। इस पर विधि विरुद्ध कब्जा कर एक आवासीय योजना में मकान बनाकर सीएम आवास योजना के तहत बेचे जा रहे हैं। भूमि में से ही उप जिला अस्पताल के लिए भूमि दान देने व प्लाॅट बेचने की शिकायत पर संबंधित भूमि पर निर्माण करने वालों को नोटिस जारी कर रेकॉर्ड तलब किया है। दूसरी तरफ सीएमओ से मिले निर्देश पर कलक्टर ने प्रसंज्ञान लेते हुए नगर पालिका को पत्र लिखकर मामले में नायब तहसीलदार के साथ खसरों का सीमा ज्ञान करने एवं मौका निरीक्षण का निर्देश दिया है।
आरोप है कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में पालिका का मनोनीत पार्षद रहते हुए एक आवासीय कंपनी के मैनेजर ने मंदिर की जमीन पर विधि विरूद्ध कब्जा किया और फ्लैट बनाकर बेचना भी शुरू कर दिया। मंदिर के महन्त की ओर से तहसीलदार व अन्य अधिकारियों को कई बार पैमाइश के लिए मांग की, लेकिन दबाव के कारण आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। जानकारी के अनुसार मामला मुख्य सचिव के पास भी विचाराधीन है।
मामले में नायब तहसीलदार खेरली लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता का कहना है कि इस प्रकरण में नगर पालिका से सीमा ज्ञान करने का पत्र आया था, जिसमें खसरा नंबरों का विवरण नहीं था। सीएमओ के निर्देश व कलक्टर कार्यालय से खसरा नंबरों के विवरण सहित परिवाद आया था। जिनकी शीघ्र जांच कर रिपोर्ट पेश की जाएगी।
नगर पालिका खेरली अधिशासी अधिकारी प्रमोद शर्मा का कहना है कि मंदिर माफी की भूमि में अवैध निर्माण की शिकायत आई है। इस पर सबंधित को रेकॉर्ड पेश करने का नोटिस दिया है। इसके बाद राजस्व अधिकारियों से जांच कराई जाएगी।
इधर नवकार वाटिका खेरली के मैनेजर पवन जैन का कहना है कि यह भूमि 1980 में सरकार ने अधीग्रहण कर ली थी और रीको को दिया था, जिसने इसे नियमानुसार अलॉट कर दिया। मैं तीन वर्ष पहले मनोनीत पार्षद बना, जबकि उक्त भूमि 2013 से मेरे पास है। 2019 में अप्रूव्ड हो गई। यह सब चेयरमैन का करा धरा है, जिनसे आठ-दस दिन पहले मेरा विवाद हो गया था।
नगर पालिका खेरली अध्यक्ष संजय गीजगढिया का कहना है कि एक अधिवक्ता की ओर से नगर पालिका को मंदिर माफी की भूमि में अवैध निर्माण का नोटिस दिया है, जिसके परीक्षण के लिए सभी संबंधितों से रिकॉर्ड तलब किया है। मेरा किसी से कोई विवाद नहीं हुआ है। आरोप निराधार है।