दिल्ली-मुम्बई सुपर एक्सप्रेस वे पर बढ़ते दुर्घटना के ग्राफ के चलते पिनान अस्पताल पहुंच रहे घायलों के लिए प्राथमिक उपचार तो कर दिया जाता है, लेकिन गंभीर हालत के मरीज 108 के अभाव में मौत और जिंदगी के भंवर जाल में अटका रहता है। हायर सेन्टर पहुंचाने के संसाधन नहीं होने के कारण घायल को निजी वाहन से हायर सेन्टर ले जाना पड़ता है। यहां निजी वाहन संचालक महंगा चार्ज लेकर घायलों की खूब जेब काट रहे हैं।
विधायक ने भी रखी मांग विधायक मांगेलाल मीणा ने आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कैबिनेट मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर को एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस को 108 में बदलने का सहमति पत्र भेजकर तत्काल 108 एम्बुलेंस वाहन की मांग की है। उन्होंने बताया कि दिल्ली-मुम्बई सुपर एक्सप्रेस वे (एनई-4) का बड़ा हिस्सा अलवर जिले के राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से होकर गुजर रहा है। इस पर तेज गति से वाहन दौड़ने से आए दिन हादसे होते हैं। ऐसे में यहां जीवन बचाने के लिए 108 एम्बुलेंस की महती आवश्यकता होती है।
आम-जन की आवाज एम्बुलेंस सुविधा बहुत जरूरी जिदंगी बचाने वाली एम्बुलेंस जैसी सुविधा का अस्पताल में होना बहुत जरूरी है। यहां आए दिन घटित हो रहे हादसों के बीच घायल को जीवनदायनी सेवाओं के अभाव में मौत और जिंदगी से जूझ रहे हैं।
नितेश बंसल उर्फ बाबा ………………….. शो-पीस बनकर खड़ी है एम्बुलेंस यहां शो-पीस बनकर खड़ी एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस से मरीजों को आज तक कोई फायदा नहीं मिला है। अस्पताल पहुंच रही प्रसव पीड़ा से परेशान महिलाओं को इस एम्बुलेंस का कोई फायदा नहीं मिला है।
साहब खां उर्फ भुट्टे खां ………………. जिंदगी से जूझ रहे बीते कई वर्षों से अस्पताल में 108 के अभाव में गंभीर मरीजों को बड़ीपीड़ा झेलनी पड़ती हैं। कई बार निजी वाहन के इंतजार में घायल मौत और जिंदगी से जूझ रहे होते हैं। आपातकालीन सेवाओं से निपटने के लिए 108 एम्बुलेंस का होना बहुत जरूरी है।
शिवदयाल मीणा ……………………. सहमति भेज दी एक्सप्रेस वे के अलवर व दौसा जोन में 100 से 165 किमी के बीच प्रतिदिन दुर्घटना घटती रहती है। जिसमें ज्यादातर दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को पिनान अस्पताल पहुंचाया जाता हैं। यहां 108 की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विधायक निधी की एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की सहमति भेज दी गई है।
मांगे लाल मीणा, विधायक। …………. 108 की सुविधा होना बहुत जरूरी अस्पताल आ रहे मरीजों को एम्बुलेंस वाहन की कमी अखर रही है। कई बार निजी वाहन या अन्य सेन्टर से एम्बुलेंस मंगवानी पड़ती है। यहां 108 की सुविधा होना बहुत जरूरी है।
डाॅ.जीपी मीणा, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी।