अगस्त माह में कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित होने और गोगामेडी मेले के चलते अलवर जंक्शन से निकलने वाले यात्री जोखिम भरा सफर करने को मजबूर हैं। बुधवार देर शाम को तो मथुरा-भिवाणी पैसेंजर ट्रेन के इंजन के अगल-बगल में भी यात्री चढ़ गए। डिब्बों के टायलेट में भी जगह नहीं बची। खतरे को देखते हुए पुलिस ने इंजन के आसपास चढ़े यात्रियों को उतारा। आसानी से नहीं उतरे तो हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इसके बाद जिसको भी जहां थोड़ी बहुत जगह मिली वहीं घुस गए। हालात ये हो गए कि डिब्बे के गेट भी बड़ी संख्या में यात्री लटकते हुए निकले।
पिछले कई दिनों से अलवर जंक्शन पर यात्रियों की संख्या काफी बढ़ चुकी है। हर दिन गोगामेडी की तरफ जाने वाली ट्रेन खचाखच निकल रही है। जिसका एक बड़ा कारण यह है कि जयपुर यार्ड पर मरम्मत कार्य किए जाने के कारण काफी ट्रेनों का संचालन प्रभावित है। कुछ ट्रेन बीच-बीच में रद्द हैं तो कुछ आंशिक रद्द होने से यात्रियों को ट्रेन नहीं मिल पाती हैं। कुछ ट्रेनों का रूट डायवर्ट होने से यात्री स्टेशनों पर इन्तजार ही करते रह जाते हैं। इस बीच अब गोगामेडी जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ गई। जिसके कारण जो भी ट्रेन मिलती है उसमें पैर रखने को जगह नहीं मिलती। अलवर ही नहीं आसपास के अधिकतर स्टेशनों से बड़ी संख्या में गोगामेडी जाने वाले यात्री मिलते हैं। जिसके कारण ट्रेनों टोयलट में भी जगह नहीं मिल पा रही है।
बल प्रयोग कर उतारा मथुरा-भिवाणी पैसेंजर ट्रेन के इंजन पर यात्री चढ़ गए और ट्रेन के चलने का समय हो गया। जिसके कारण आरपीएफ के जवानों ने हल्का बल प्रयोग करते हुए इंजन से यात्रियों को उतारा। बहुत से यात्रियों को जगह नहीं मिली तो वे दूसरी ट्रेन के इन्तजार में रुके। अन्य ट्रेनें भी खचाखच भरी मिली।
पूजा एक्सप्रेस देर से पूजा एक्सप्रेस का इंजन फेल होने के कारण दो घण्टे देरी से अलवर पहुंची। जिसके कारण यात्रियों को बड़ी परेशानी झेलीनी पड़ी। रेले के अधिकारियों ने बताया कि बांदीकुई से पहले ही इंजन फेल होने के कारण ट्रेन करीब दो घण्टे देरी से अलवर पहुंची।