जानकारों का कहना है कि चना के समर्थन मूल्य के मुकाबले किसानों को खुले बाजार में चना के अच्छे दाम मिल रहे हैं। इसी वजह से किसान खरीद केन्द्रों पर चना लेकर नहीं पहुंच रहे। सरकार की ओर से इस बार सरसों की खरीद के लिए 5650 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार चना की खरीद का समर्थन मूल्य 5440 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है। लोगों का कहना है कि चना का बाजार भाव समर्थन मूल्य से अधिक मिल रहा है। ऐसे में किसान खरीद केन्द्रों पर चना लेकर आने में रुचि नहीं दर्शा रहे, वहीं सरसों के सर्मथन मूल्य बाजार भाव से अधिक है, जिसके कारण खरीद केन्द्रों पर सरसों की आवक अच्छी है।
सरसों की सर्वाधिक खरीद लक्ष्मणगढ और सबसे कम रैणी केन्द्र पर राजफैड के आंकडों के अनुसार अब तक जिले के लक्ष्मणगढकेन्द्र की ओर से सरसों की सर्वाधिक खरीद की जा चुकी है। लक्ष्मणगढकेन्द्र की बात की जाए तो 26 अप्रेल तक 3658 क्विंटल सरसों इस केन्द्र पर खरीदी जा चुकी है, वहीं राजगढकेन्द्र पर भी 3470 क्विंटल सरसों खरीदी जा चुकी है। सबसे कम खरीद रैणी के खरीद केन्द्र पर अब तक महज 18 क्विंटल सरसों की हुई है।
जिले में इन स्थानों पर हो रही खरीद उपरजिस्ट्रार सहकारी समितियां की ओर से चना-सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 21 केन्द्र बनाए हैं। राजफैड की ओर से जीएसएस मालाखेडा, अलवर, गोविन्दगढ, जीएसएस कालवाड़ी, जीएसएस जहाडू, जीएसएस भनोखर, उपकेन्द्र कठूमर, खेरली, जीएसएस इटेड़ा, जीएसएस बाई, जीएसएस मौजपुर, उपकेन्द्र बड़ौदामेव, लक्ष्मणगढ़, जीएसएस छिलौड़ी, जीएसएस टहला, जीएसएस डेरा, जीएसएस पिनान, जीएसएस माचाड़ी, उपकेन्द्र रैणी, राजगढ़ और रामगढ़ में समिति की ओर से समर्थन मूल्य पर कृषि जिंसों की खरीद की जा रही है।
25 क्विंटल तक की सीमा, बाजार में भी बेचनी पड़ रही सरसों राजफैड इस बार प्रति किसान जन आधारकार्ड पर ऑनलाइन 25 क्विंटल ही सरसों की खरीद कर रहा है। इस बार सरसों का समर्थन मूल्य 5650 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि बाजार में सरसों का औसतन भाव 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल है। समर्थन मूल्य पर प्रति किसान खरीद की सीमा तय करने के कारण अनेक किसान मजूबूरी में राजफैड के साथ बाजार में भी सरसों का बेचान कर रहा है। इस कारण किसानों को 600 से लेकर 650 रुपए प्रति क्विंटल आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जिले के 21 खरीद केन्द्रों पर खरीद अलवर जिले के 21 खरीद केन्द्रों पर सरसों और चने की खरीद की जा रही है। सरसों की खरीद लगातार चल रही है और 26 अप्रेल तक 17 हजार क्विंटल से ज्यादा की खरीद हो चुकी है। चने का बाजार भाव सर्मथन मूल्य से ज्यादा होने के कारण किसान बाजार में बेचान कर रहा है।
उमेश चन्द शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी राजफैड, अलवर।