यही नहीं इस विषय में सभी 15 छात्र-छात्राओं को फेल भी कर दिया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या एक भी विद्यार्थी के पास होने लायक नंबर नहीं आए या फिर विवि प्रशासन ने अपनी गलती छुपाने के लिए यह किया है ? विवि की वजह से बच्चे खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
छात्र-छात्राओं में रोष, नहीं मिल रहा कोई जवाब
परीक्षा में अनुतीर्ण होने वाले विद्यार्थी विवि से संबद्ध जिस निजी कॉलेज में अध्ययन कर रहे हैं, वहां पहुंचकर आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय का दरवाजा भी खटखटाया। कई शिक्षकों से मिले थी, लेकिन वहां से भी कोई उत्तर नहीं मिल रहा है। उधर, कुलपति का कहना है कि विद्यार्थियों की ओर से कोई लिखित में कोई सूचना नहीं दी है, अगर ऐसा मामला है तो जांच करवाई जाएगी। अब विद्यार्थियों पसोपेश में हैं कि आखिर वे अपनी फरियाद लेकर किसके पास जाएं।
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50 अंक की होनी थी परीक्षा
यह परीक्षा केवल 50 अंकों की होनी थी, लेकिन विश्वविद्यालय ने 80 अंकों की करवा दी। 50 अंकों में 10 अंकों की प्रायोगिक और 40 अंकों की लिखित परीक्षा होनी थी। मगर विवि ने 80 अंक का पेपर थमाया।