ऐसे मुहैया कराए थे संसाधन
शिक्षा विभाग ने खैरथल, बानसूर से लेकर कई इलाकों के स्कूलों को अच्छा चमकाया था। वहां पर पर्याप्त स्टाफ रखा। शिक्षा की गुणवत्ता से लेकर सुविधाएं मुहैया कराने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। अब विभाग की यह विरासत दूसरे जिले संभालेंगे। बच्चों की संख्या भी यहां कम होगी। दूसरे जिलों के विद्यार्थियों के दाखिले वहां होंगे।
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इस तरह से हो सकता है बटवारा
राज्य सरकार की ओर से राज्य में नए जिलों की घोषणा कर कई पुराने जिलों को बांटा गया है। अलवर जिले के 16 ब्लॉकों को तीन टूकडो़ं में बांटा गया है। बताते हैं कि खरैथल जिले में खरैथल, तिजारा, किशनगढ़बास, मुंडावर, कोटकासिम शामिल हो सकते हैं। अलवर जिले में रैणी, राजगढ़, कठूमर, लक्ष्मणगढ़, गोविन्दगढ़, मालाखेड़ा, उमरैण, थानागाजी, राजगढ़ को शामिल किया जा सकता है। वहीं कोटपूतली-बहरोड़ जिले में बहरोड़, बानसूर, नीमराणा को शामिल किया जा सकता है। इसमें अलवर में 16 ब्लॉकों में से 9 ब्लॉकों को शामिल किया जा सकता है।
राज्य सरकार की ओर से जिलों के बटवारों के बाद बनने वाले नए सभी जिलों में अलग- अलग शिक्षा विभाग के कार्यालय बनाए जाएंगे। साथ ही सरकार की ओर से संचालित सभी योजनाओं को भी बटवारा हो जाएगा।
मुकेश किराड़, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी , अलवर
ब्लॉक स्कूल
लक्ष्मणगढ़ 129
मालाखेड़ा 134
गोविन्दगढ़ 103
कठूमर 211
रैणी 135
राजगढ़ 210
रामगढ़ 225
थानागाजी 241
उमरैण 166
खैरथलब्लॉक स्कूल
मुंडावर 177
किशनगढ़बास 190
कोटकासिम 110
तिजारा 291
कोटपूतली -बानसूरबानसूर 240
बहरोड़ 108
नीमराणा 110