खैरथल। रेलवे ने मवेशियों के कुचले जाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए व रेल गति की स्पीड बढ़ाने के उद्देश्य से रेलवे ने पटरियों के किनारे धातु बाड लगाने का कार्य उत्तर पश्चिम जोन में जोर शोर से किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत अलवर खंड में अजरका सीमा से अलवर तक कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। फिलहाल यह कार्य खैरथल के किरवारी फाटक के पास चल रहा है। एक रेल अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की यह कार्य दिल्ली से अहमदाबाद तक चल रहा है।
सबवे का भी हो रहा निर्माण
मवेशियों और लोगों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए रेलवे बाड़ के अलावा कुछ क्षेत्रों में पैदल यात्रियों के लिए सबवे का निर्माण कर रहा है। हाल ही में निर्मित डब्लू बीम धातु अवरोध यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है की दो बीमों के बीच और जमीनी स्तर पर रिक्त स्थान को बंद करके न तो मवेशी और न ही कार रेल पटरिटयों तक पहुंच सके। जानवरों व दो पहिया वाहनों के हस्तक्षेप से बचने के लिए महत्वपूर्ण है।
रुकेंगे हादसे
वर्तमान में सभी रेलपथ खुले वातावरण में है और उन पर कोई फेंसिंग नहीं है। जिससे प्रतिदिन हजारों जानवर रेल ट्रेक पर घूमते है और ट्रेनों के सामने आने से कट जाते हैं। जिसे रेलवे की भाषा में सीआरओ अर्थात केटल रन ओवर की संज्ञा दी जाती है। जिससे जानवरों की मृत्यु के साथ साथ रेलवे के रोलिंग स्टॉक की क्षति होती है। साथ ही ट्रेनों का अतिरिक्त विलम्बन भी होता है। जिसके लिए रेलपथ के दोनों तरफ रेलिंग लगाई जा रही है।
ट्रेनों की बढ़ेगी गति
परियोजना पूरी होने के बाद, सेमी-हाई स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकेगी। इसके अलावा बाड़ लगाने के काम से अन्य मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को भी लाभ होगा क्योंकि सेक्शन में ट्रेन का परिचालन परेशानी मुक्त हो जाएगा।