हाइवे पर संचालित होटलों ढाबों पर चल रहे नशे का अवैध कारोबार नया नहीं है।बल्कि यह कई सालों से चल रहा है । प्रशासन व निर्वाचन आयोग भी आचार संहिता के दौरान सख्ती बरतने के बजाय उदासीन बना हुआ है। हाइवे के दोनों और दर्जनों होटल और ढाबे संचालित हो रहे हैं।जहां भोजन के साथ -साथ शराब और नशे का अवैध धंधा बेखौफ किया जाता है ।शाम होते ही इन होटलों पर ट्रक चालकों व नशे करने वालों की भीड़ बढ़ जाती है। लेकिन कार्रवाई के लिए पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी महल औपचारिकता ही बरत रही है।
बिना इजाजत चल रहे होटलें और ढाबे क्षेत्र से गुजरने वाली हाइवे पर दर्जनों होटल और ढाबे चल रहे है।जिनमें से अधिकतरों ने अनुमति ना तो हाइवे प्रशासन से ली और ना ही स्थानीय प्रशासन के पास इनका रिकॉर्ड है। नियम कायदे ताक में रख चलाए जा रहे इनमें से कई ढाबों में शराब और नशे के पदार्थ की बिक्री होती है।होटलों की आड़ में चल रही इस अवैध कारोबार से संचालक अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।लेकिन प्रशासन की नजऱों में होने के बावजूद ऐसे लोग गिरफ्त से दूर हैं। नेशनल हाइवे पर संचालित करीब करीब सभी होटलों व ढाबो में अवैध नशे का कारोबार बेरोकटोक चलता रहता है।
होती है वारदात नियम कायदों को ताक में रखकर संचालित हो रहे हाइवे के इन ढाबों पर नियमित कई बार आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। अक्सर मारपीट,लूट व अपराध जैसी वारदाते भी सामने आ चुकी है। वहीं प्रबंधित क्षेत्र होने के बावजूद हाइवे से गुजरने वाले आला अपराधी भी यहां आसानी से ठहराव कर निकल जाते हैं।जिसकी पुलिस प्रशासन को भी भनक नहीं लग पाती है।
जहां नहीं मिलता, वहां नहीं रुकते ट्रक जिस ढाबे पर मादक पदार्थ नहीं मिलते वहा पर ट्रकों का ठहराव कम होता है।जिसकी वजह से ट्रक चालक इस धंधे का मुख्य भाग बन रहे है।वहीं ढाबा संचालक इसकी मुख्य कड़ी बनकर इसे बड़े स्तर पर अंजाम दे रहे हैं।इस तरह चालकों की मजबूरी को ढाबा संचालकों ने अपना धंधा बना लिया है।जिसके आगे नियम कायदे भी बौने नजर आ रहे हैं।