प्रशासन चाहे तो अलवर शहर के पानी की समस्या को कुछ हद तक दूर कर सकता है। शहर के नजदीक जयसमंद बांध में बरसों से जमी गाद (सिल्ट) को अगर हटा दिया जाए तो यहां पानी को लंबे समय तक स्टोरेज करके रखा जा सकता है। इस सिल्ट की वजह से पानी ठहर नहीं पाता है।
बांध में कठोर सिल्ट जमा है, जिसकी वजह बांध की गहराई पर भी असर पड़ा है। अगर बांध की 10 से 15 फीट तक खुदाई की जाती है तो न केवल भूमिगत जल स्तर बढ़ेगा, बल्कि बांध में भी पानी का ज्यादा स्टोरेज हो सकेगा। साथ ही जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग तक आने वाले पानी के रास्तों से भी अतिक्रमण हटेगा तो यहां पानी की आवक भी बढ़ेगी। यह जिले का सबसे बड़ा बांध है और सिलीसेढ़ से लगभग डेढ़ गुणा बड़ा है। यहां छतरियां भी बनी हुई हैं। बांध कई बार पूरा लबालब भर चुका है।
बांध में कठोर सिल्ट जमा है, जिसकी वजह बांध की गहराई पर भी असर पड़ा है। अगर बांध की 10 से 15 फीट तक खुदाई की जाती है तो न केवल भूमिगत जल स्तर बढ़ेगा, बल्कि बांध में भी पानी का ज्यादा स्टोरेज हो सकेगा। साथ ही जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग तक आने वाले पानी के रास्तों से भी अतिक्रमण हटेगा तो यहां पानी की आवक भी बढ़ेगी। यह जिले का सबसे बड़ा बांध है और सिलीसेढ़ से लगभग डेढ़ गुणा बड़ा है। यहां छतरियां भी बनी हुई हैं। बांध कई बार पूरा लबालब भर चुका है।
सिलीसेढ़ झील मे भी सिल्ट की समस्या… सिलीसेढ़ झील में सिल्ट की समस्या है। यहां 5 से 7 फीट गाद जमा है। इससे पानी का रिचार्ज नहीं हो पाता है। इसके डूब क्षेत्र में अतिक्रमण भी ज्यादा हैं। यहां भी गाद को हटा दिया जाए तो पानी भराव 7 फीट तक बढ़ सकता है।
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जयसमंद बांध में इस प्रकार से हुई पानी की आवक वर्ष–पानी (फीट) 1993—17.111994—15.6
1995—11.3
1996—23
1997—20.9
1998—22.4
1999—14.8
2002—11.10
2003—24
2004—11.10
2005—16
2006—7.7
2007—10
2008—15.11
2010—12.4
2011—7.1
2012—12.4
2013—6.4
2016—12.2
2017—3.8
2018—04
2019—7.11
2021—7.2