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Digital Arrest… 16 घंटे तक यातना, पुलिस-सीबीआई का दिखाया डर, जानें पीड़ित की आपबीती

अलवर के बहरोड़ का युवक बना साइबर ठगों का शिकार, दोपहर से अगले दिन सुबह तक रखा डिजिटल अरेस्ट, परिजन की सूझबूझ से बचा युवक

अलवरNov 23, 2024 / 01:54 pm

pushpendra shekhawat

cyber crime
बहरोड़ के उद्योग क्षेत्र में रहने वाले एक युवक को साइबर ठगों ने शुक्रवार दोपहर से शनिवार सुबह तक डिजिटल अरेस्ट रखा। सुबह युवक के परिजन को जानकारी लगने पर उन्होंने ठगों को हड़काया तो उन्होंने मोबाइल बंद कर गए। मामले को लेकर पुलिस को रिपोर्ट दी गई है। जानें युवक की आपबीती:
कानून की पढ़ाई पूरी कर अब मैं साइबर क्राइम में एलएलएम करने के लिए लंदन जाना चाहता हूं। इसके लिए मैंने एक दिन कागजात पूरे कर शुक्रवार सुबह वीजा के लिए अप्लाई किया। सब कुछ ठीक चल रहा था, अचानक दोपहर दो बजे मेरे पास एक फोन आया।
फोन करने वाले ने मुझे ट्राई का अधिकारी बनकर बात की। उसने बताया कि आपके नाम की एक सिम से बड़े स्तर पर अपराध किए गए हैं। आपके मोबाइल को बंद किया जाता है साथ ही आपका आधार कार्ड भी निरस्त किया जाएगा। उसने कहा कि अपराध मुम्बई में हुआ है। इसकी जांच की जा रही है। उसने बताया कि आपसे हमारे साइबर अधिकारी बात करेंगे। यह कह कर उसने कॉल ट्रांसफर कर दिया।

पुलिस ड्रेस में दिखे अधिकारी

युवक ने बताया कि उन लोगों ने मेरे मोबाइल पर व्हाटस ऐप पर वीडियो कॉल कर जोड़ा। सामने पुलिस ड्रेस में एक अधिकारी बैठा नजर आया। उसने काफी देर तक मेरे को धमकाया। इस दौरान मुझ पर मनी लॉन्ड्रिंग, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और दो करोड़ के लेनदेन का आरोप लगाया। छह घंटे से भी अधिक तक विभिन्न अधिकारियों ने मेरे से बातचीत की। वे मुझे डराते रहे, बाद में कहा कि सीबीबाई मामले की जांच कर रही है। इस बारे में घरवालों से किसी को भी कुछ नहीं बताना है।

रातभर निगरानी में रखा

उन्होंने मुझे बंद कमरे में अंधेरा करके जूम ऐप पर माइक्रोफोन की आवाज ऑन रखने को कहा। सुबह बड़े अधिकारी मामले में बात करेंगे। इससे डर कर मैं रात भर परेशान रहा। खाना भी नहीं खाया और न ही कमरे से बाहर निकला। इससे घरवालों को शक हो गया। उन्होंने सुबह जबरदस्ती दरवाजा खुलवाया, तब उन्हें मामले की जानकारी दी। इस पर घरवालों ने ठगों को कॉल कर हड़काया तो उन्होंने मोबाइल बंद कर लिए साथ ही भेजे गए मैसेज भी डिलीट कर दिए।

बच गए लाखों रुपए

युवक लंदन पढाई के लिए जा रहा था, उसके खाते में लाखों रुपए परिजनों ने डलवा रखे थे। यदि सुबह वह नहीं बताता तो वह ठगों का शिकार बन सकता था। इसके बाद उसने स्थानीय पुलिस को लिखित शिकायत भेजी है। पुलिस को अन्देशा है की उसने जिस एजेंसी के माध्यम से वीजा अप्लाई किया था वहां से उसकी डिटेल लीक होकर ठगों तक पहुंची है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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