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सरिस्का में बाघों पर प्रदूषण का खतरा, इलेक्टि्रक बस चलाओ

अलवर. टाइगर रिजर्व सरिस्का को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए पर्यटक ही नहीं, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एनटीसीए भी इलेक्टि्रक बसों के संचालन को जरूरी मानता है। इतना नहीं सुरक्षा के लिए सर्विलांस टावर की स्थापना के साथ ही बाघों की सलामती के लिए रेडियो कॉलर भी एनटीसीए ने जरूरी बताई है।

अलवरMay 25, 2023 / 11:12 pm

Prem Pathak

सरिस्का में बाघों पर प्रदूषण का खतरा, इलेक्टि्रक बस चलाओ

अलवर. टाइगर रिजर्व सरिस्का को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए पर्यटक ही नहीं, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एनटीसीए भी इलेक्टि्रक बसों के संचालन को जरूरी मानता है। इतना नहीं सुरक्षा के लिए सर्विलांस टावर की स्थापना के साथ ही बाघों की सलामती के लिए रेडियो कॉलर भी एनटीसीए ने जरूरी बताई है।
एनटीसीए के अतिरिक्त महानिरीक्षक वन एमडी साजिद सुल्तान की ओर से गत 16 मई को मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को पत्र भेजकर टाइगर रिजर्व सरिस्का में सर्विलांस टावर स्थापित कराने, बाघों के लिए रेडियो कॉलर तथा इलेक्टि्रक बसों के संचालन की जरूरत बताई है। पत्र की प्रति एनटीसीए की ओर से फील्ड डायरेक्टर सरिस्का को भी भेजी है।
अलवर के नागरिक के पत्र पर लिया संज्ञान

अलवर निवासी एवं वन्यजीव प्रेमी चर्चित कौशिक ने पिछले दिनों एनटीसीए को पत्र भेजकर टाइगर रिजर्व सरिस्का में सुरक्षा के लिए सर्विलांस टावर स्थापित करने, बाघों को रेडियो कॉलर लगाने तथा प्रदूषण की समस्या से निराकरण इलेक्टि्रक बसों के संचालन की जरूरत बताई थी। इस पर एनटीसीए की ओर से पत्र भेजकर टाइगर रिजर्व की जरूरतों को कुछ गतिविधियां वार्षिक प्लान से संचालित करने तथा कुछ फंड सामाजिक दायित्व के माध्यम से जुटाने को कहा है।

इसलिए जरूरी है इलेक्टि्रक बसें

टाइगर रिजर्व सरिस्का में हर साल 25 हजार से ज्यादा जिप्सी व कार, 300 से ज्यादा बसें, 11 हजार से ज्यादा मोटर साइकिल सहित अन्य वाहनों काे प्रवेश दिया जाता है। इतनी बड़ी संख्या में पेट्रोल- डीजल के वाहनों के दौड़ने से जंगल में प्रदूषण होता है, जिसका सीधा असर बाघ, पैंथर, भालू एवं अन्य वन्यजीवों पर पड़ता है। इस समस्या का निराकरण इलेक्टि्रक बसों से ही संभव है। सरिस्का को हर साल दो करोड़ से भी ज्यादा आय पर्यटकों से होती है, यह आय बढ़े इसके लिए वन्यजीवों का सुरक्षित रहना जरूरी है।
सुरक्षा के लिए सर्विलांस टावर जरूरी

सरिस्का में 102 बीटें हैं और इन पर दिन रात निगरानी तथा जंगल व बाघों की मॉनिटरिंग के लिए करीब 400 वनकर्मियों की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में सरिस्का में वनकर्मियों की संख्या करीब 60 है। इतने कम वनकर्मियों से सरिस्का जंगल की सुरक्षा मुश्किल भरा कार्य है। इसके अलावा सरिस्का में 28 बाघ, 3 भालू एवं कई हजार वन्यजीव हैं, इनकी सुरक्षा के लिए भी सर्विलांस टावर जरूरी है। वहीं बाघों की मॉनिटरिंग के लिए रेडियो कॉलर भी जरूरी हैं।

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