अलवर. दिल्ली के राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर में पानी घुसने से बड़ा हादसा हो गया। इस घटना को लेकर देशभर में लोग जागरुक हुए और सरकारों ने भी ध्यान दिया, लेकिन अलवर प्रशासन इसको लेकर संजीदा नहीं है। शायद उन्हें किसी घटना का इंतजार है। यही कारण है कि शहर में कोचिंग सेंटर व पुस्तकालय बिना एनओसी के चल रहे हैं और सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं।
150 से ज्यादा संस्थानों को नियमों की परवाह नहीं : शहर में 40 से ज्यादा कोचिंग संस्थान और 150 से अधिक पुस्तकालय चल रहे हैं। अधिकांश के पास फायर की एनओसी नहीं हैं। अन्य अभिलेख भी पूर्ण नहीं हैं। यहां पर संचालित अधिकांश संस्थान आवासीय भवनों में चल रहे हैं। इनमें सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। जहां-जहां यह संस्थान चल रहे हैं वहां पर छात्रों की भीड़ उमड़ती है।
एक-एक कमरे में 100 से ज्यादा विद्यार्थी बैठाए जा रहे हैं। ऐसे में हादसा हो तो वह एक साथ एक ही गेट से निकल भी नहीं पाएंगे। अन्य खतरे भी यहां नजर आ रहे हैं। महज चार ही कोचिंग संस्थानों के पास एनओसी हैं। बाकी धड़ल्ले से चल रहे हैं। इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।