अध्यक्ष सुमेरचंद जैन ने कहा कि ऋषभदेव जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर है। ऋषभदेव की शिक्षाएं मानवता के कल्याण के लिए हैं। राजा नाभिराय और उनकी पत्नी मरु देवी के यहां चैत्र कृष्ण नवमी के दिन ऋषभदेव का जन्म अयोध्या में हुआ था। बालक का सुमेरु पर्वत पर अभिषेक महोत्सव आयोजित किया और ऋषभ नाम रखा। जैन परंपरा में ऋषभदेव, आदिनाथ का नाम प्रथम स्थान पर आता है। मंदिर में धर्म स्वाध्याय और 48 दीपकों से आरती की गई।आयोजन में पूजा का लाभ सुमत जैन, लोकेश जैन, मोंटू जैन, अशोक जैन कोटा की ओर से अभिषेक एवं पूजा शांति धारा की। इस अवसर पर इंदिरा जैन, माला जैन, मुकेश जैन, कमलेश जैन व दीपक आदि उपस्थित रहे।