दस का सिक्का। एक दशक पहले बाजार में 10 के नकली सिक्के आए तो अलवर में इन सिक्कों का चलन बंद हो गया। तब से आज तक दस के सिक्के कोई नहीं लेता। चाय विक्रेता हो या फिर फुटकर व्यापारी। हर कोई 10 के सिक्के से परहेज करता है। जबकि आरबीआई ने साफ निर्देश दे रखे हैं कि दस के सिक्कों पर कोई रोक नहीं है। उधर, बैंकों की तिजोरी सिक्कों से भरती जा रही है। सर्कुलेट हों तभी यह तिजोरी खाली हो सकती है।
इस तरह मिल रही निराशा
रेवाड़ी से अलवर आए रोहिताश शर्मा ने स्टेशन के सामने चाय पी। बदले में 10 का सिक्का चाय विक्रेता को थमाया। विक्रेता ने पहले गौर से सिक्के को देखा, फिर बोला, नकली की तरह लग रहा है। इसलिए आप कागज का नोट दें। रोहिताश बोले रेवाड़ी में तो यही सिक्के चल रहे हैं, लेकिन उनका तर्क काम नहीं आया। चाय विक्रेता को नोट ही देना पड़ा। इसी तरह शहर में बाहर से आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। शहर के ही दुकानदारों से लेकर आम लोगों के पास 10 के सिक्के दुकानों व घरों पर हैं, लेकिन कोई लेता नहीं। यानी कोई पहल नहीं कर रहा। पहल हो। सर्कुलेट होने लगें, तो सिक्का फिर से चलन में आ जाए। यह भी पढ़ें
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