अब अंजली टॅाप कर चुकी थी। अंजली के स्कूल वालों ने उसे इस बात की जानकारी पहले ही दे दी थी कि इलाहाबाद शहर में पिछले 28 साल में कोई विद्यार्थी टाप न कर सका। ऐसे में अंजली के मन में ये रिकार्ड तोड़ने की ललक पहले से थी। उसने अपने पापा से कहा था कि पापा मैं यूपी में टॅाप करना चाहती हूं। पापा को बेटी के इस सपने पर नाज था। इधर परिणाम आते ही अंजली ने अपने किसान पिता को फोन लगाया फोन पर पापा कि आवाज थी। और अंजली की आवाज में पास होने की बेइंहां खुशी अंजली के बड़े भाई जो सिविल की तैयारी करते हैं उन्होने बताया कि पापा को अंजली ने फोन कर कहा कि पापा मैने यूपी टाप कर दिया और हां पापा आपकी बेटी ने 28 साल बाद टापर बन पुराना रिकार्ड तोड़ दिया। भाई बताते हैं कि उधर से पापा का गला खुशी से रूंध गया। उन्होने बेटी को हमेशा आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया
बतादें अंजली की मां चक्रवर्ती वर्मा अंबेडकरनगर की प्राथमिक विद्यालय में अध्यापिका है अंजलि अपने दो बड़े भाइयों के साथ इलाहाबाद के सलोरी स्थित इलाके में रहती है दोनों बड़े भाई सिविल सर्विसेज की तैयारी करते हैं और वह यहीं रह कर अपने भाइयों के साथ पढ़ाई कर रही थी पत्रिका से बातचीत में अंजलि ने बताया कि वह इंजीनियर बनना चाहती है। पिता अंबेडकर नगर जिले के गांव में रहकर खेती किसानी का काम करते हैं।