अब उन्होंने 8 मई की शाम ईडन गार्डन में पंजाब किंग्स के खिलाफ भी अंतिम गेंद पर यही काम किया। इस बार रिंकू सिंह ने बाएं हाथ से यॉर्कर मारने में माहिर गेंदबाज अर्शदीप सिंह को बाउंड्री पर भेज कर मैच की गजब की पटकथा लिख दी। इस जीत के साथ केकेआर को 10 अंक मिल चुके हैं और वह अंकतालिका की रेस में बरकरार है।
यह भी पढ़ें
ओडिशा के वीडियो में बमबाज गुड्डू मुस्लिम या कोई और? सामने आई सच्चाई
रिंकू सिंह के प्यार में पड़ने के ये हैं कारणकेकेआर बनाम पीबीकेएस मैच के बाद ब्रेट ली रिंकू सिंह से बहुत प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, ”वो सभी को कारण दे रहा है कि रिंकू सिंह के प्यार में पड़ जाएं। वो मैच विनर है, एंटरटेनर है, वो मैदान में जाकर मैच जिता रहा है। युवा खिलाड़ी को ऐसा प्रदर्शन करते हुए देखकर अच्छा लगा। वो बहुत अच्छा क्रिकेट खेल रहा है और कुछ ही समय में उसे घर-घर में पहचाना जाएगा।” रिंकू सिंह ने 10 गेंदों में नाबाद 21 रन की पारी खेली और केकेआर को जीत दिलाई।
पार्थिव पटेल ने भी की रिंकू की तारीफ
रिंकू सिंह की पारी से भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल भी काफी प्रभावित हुए। पटेल ने कहा कि रिंकू सिंह की दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता प्रभावी है। उन्होंने कहा, ”रिंकू सिंह के पास गजब की जिम्मेदारी है। दबाव में प्रदर्शन करना एक खिलाड़ी के लिए बहुत जरूरी है। यह दिखाता है कि आपकी क्या सोच है और आपकी मानसिकता क्या है। हमने देखा कि उस दिन रिंकू सिंह ने एक ओवर में पांच छक्के जमाए, लेकिन पंजाब के खिलाफ मुकाबला ज्यादा चुनौतीपूर्ण था।”
रिंकू सिंह की पारी से भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल भी काफी प्रभावित हुए। पटेल ने कहा कि रिंकू सिंह की दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता प्रभावी है। उन्होंने कहा, ”रिंकू सिंह के पास गजब की जिम्मेदारी है। दबाव में प्रदर्शन करना एक खिलाड़ी के लिए बहुत जरूरी है। यह दिखाता है कि आपकी क्या सोच है और आपकी मानसिकता क्या है। हमने देखा कि उस दिन रिंकू सिंह ने एक ओवर में पांच छक्के जमाए, लेकिन पंजाब के खिलाफ मुकाबला ज्यादा चुनौतीपूर्ण था।”
अंडर-16 के लिए ट्रायल से दो बार हुए थे बाहर
रिंकू सिंह अलीगढ़ के रहने वाले हैं। रिंकू गरीब परिवार से आते हैं। उनके पिता एक गैस सिलेंडर वेंडर थे। रिंकू के चार बड़े भाई हैं। जिनमें एक भाई ऑटो चलाता था तो दूसरे भी मेहनत मजदूरी करके अपना गुजारा करते थे। रिंकू सिंह के मन में जब क्रिकेटर बनने का ख्याल आया तो पिता ने परिवार की हालत का हलावा देते हुए खूब सुनाई। यहां तक कि मार भी पड़ी। रिंकू अच्छा खेलते थे। दो बार अंडर-16 के लिए ट्रायल दिया लेकिन दोनों बार पहले राउंड में बाहर हो गए।
रिंकू सिंह अलीगढ़ के रहने वाले हैं। रिंकू गरीब परिवार से आते हैं। उनके पिता एक गैस सिलेंडर वेंडर थे। रिंकू के चार बड़े भाई हैं। जिनमें एक भाई ऑटो चलाता था तो दूसरे भी मेहनत मजदूरी करके अपना गुजारा करते थे। रिंकू सिंह के मन में जब क्रिकेटर बनने का ख्याल आया तो पिता ने परिवार की हालत का हलावा देते हुए खूब सुनाई। यहां तक कि मार भी पड़ी। रिंकू अच्छा खेलते थे। दो बार अंडर-16 के लिए ट्रायल दिया लेकिन दोनों बार पहले राउंड में बाहर हो गए।
मोहम्मद जीशान ने रिंकू की मदद की
ऐसे में अलीगढ़ के मोहम्मद जीशान उनकी मदद के लिए आगे आए। इसके बाद रिंकू सिंह को शुरुआती दिनों में अलीगढ़ के ही मसूद अमीन से कोचिंग मिलने लगी। रिंकू के शुरुआती कैरियर में अमीन ने उसकी आर्थिक सहयोग किया। इसके साथ ही महुआ खेड़ा अकादमी के संरक्षक अर्जुन सिंह फकीरा ने भी आर्थिक सहयोग के साथ खेल कूद के समान खरीदने में की। जिन्होंने खेल उपकरण खरीदने से लेकर स्थानीय क्लब चुनने और अकादमी की सुविधाएं दिलाने तक पूरी मदद की।
ऐसे में अलीगढ़ के मोहम्मद जीशान उनकी मदद के लिए आगे आए। इसके बाद रिंकू सिंह को शुरुआती दिनों में अलीगढ़ के ही मसूद अमीन से कोचिंग मिलने लगी। रिंकू के शुरुआती कैरियर में अमीन ने उसकी आर्थिक सहयोग किया। इसके साथ ही महुआ खेड़ा अकादमी के संरक्षक अर्जुन सिंह फकीरा ने भी आर्थिक सहयोग के साथ खेल कूद के समान खरीदने में की। जिन्होंने खेल उपकरण खरीदने से लेकर स्थानीय क्लब चुनने और अकादमी की सुविधाएं दिलाने तक पूरी मदद की।