चौरसियावास तालाब में 28 साल के लंबे अंतराल के बाद चादर चलने से ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है। पिछले बार 1996 में तालाब की चादर चली थी और अब फिर से यह दृश्य देखने को मिला है। ग्रामीणों ने बताया कि इस बार तालाब में 30 फीट पानी भर चुका है, जो इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
इस सकारात्मक विकास के पीछे राजस्थान पत्रिका का अमृतम जलम अभियान एक प्रमुख कारण है। इस अभियान के तहत चौरसियावास तालाब के संरक्षण और पुनर्निर्माण के लिए जिला प्रशासन और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा श्रमदान का आयोजन किया गया था। इस अभियान के परिणामस्वरूप तालाब में पर्याप्त मात्रा में पानी भर गया है और चादर चल रही है, जिससे स्थानीय लोगों को राहत मिली है।
चादर चलने के बाद तालाब के आसपास के लोग इसे देखने के लिए पहुंच रहे हैं और यह दृश्य उनके लिए बेहद खास है। चौरसियावास तालाब की चादर चलने का यह अवसर न केवल क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि स्थानीय लोगों की मेहनत और प्रयासों का भी प्रतीक है।