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अजमेर

साइबर थाने के एसआई व साइबर सेल के प्रभारी निलम्बित

एनआरआई से ठगी के मामले में आरोपी से रिश्वत लेने के आरोप में गिरी गाज

अजमेरDec 13, 2024 / 11:50 am

manish Singh

साइबर थाने के एसआई व साइबर सेल के प्रभारी निलम्बित

साइबर थाने के एसआई व साइबर सेल के प्रभारी निलम्बित

अजमेर(Ajmer News). प्रवासी भारतीय(एनआरआई) से शेयर बाजार में निवेश के नाम पर सवा करोड़ की साइबर ठगी के मामले में आरोपी उदयपुर के कथित चार्टर्ड अकाउंटेंट से मिलीभगत की गाज गुरुवार सुबह जिला पुलिस के दो अधिकारियों पर गिर गई। पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने साइबर थाने के उपनिरीक्षक मनीष चारण व साइबर सेल प्रभारी दुर्गेशसिंह जादौन को निलम्बित कर दिया। प्रकरण में दोनों की मुख्य आरोपी मनीष कपूर से मिलीभगत व गिरफ्तारी से बचाने की एवज में रिश्वत लेने का मामला सामने आया था।
प्रकरण के मास्टर माइंड मनीष कपूर ने कोर्ट में पेशी के दौरान साइबर थाने के उप निरीक्षक मनीष चारण पर उसे गिरफ्तार नहीं करने की एवज में 20 लाख रुपए की रिश्वत देने का आरोप लगाया था। आलाधिकारियों तक जानकारी पहुंची तो मामले ने तूल पकड़ लिया। पुलिस उप महानिरीक्षक(अजमेर रेंज) ओमप्रकाश ने एसपी वंदिता राणा से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी। एसपी वंदिता राणा की पड़ताल में उप निरीक्षक मनीष चारण व साइबर सेल के एएसआई दुर्गेशसिंह पर आरोप प्रथमदृष्ट्या सिद्ध पाए गए।

मास्टर माइंड है मनीष कपूर

पुलिस पड़ताल में आया कि प्रकरण में मास्टर माइंड कथित चार्टडे अकाउंटेंट मनीष कपूर बेरोजगार, युवाओं को कमीशन का लालच देकर खाता धारकों से अकाउंट की डिटेल लेकर धोखाधड़ी की रकम ट्रांसफर कराकर खातों से नकद निकासी करता था। वह ओटीपी. यूजर आईडी पासवर्ड लेकर अन्य खातों में रकम ट्रांसफर कर लेता या चैक से स्वयं निकाल लेता था।


यूं चला घटनाक्रम

-6 जुलाई को एनआरआई ने रामगंज पुलिस थाने में सवा करोड की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया। अनुसंधान साइबर थाने को सौंपा गया। प्रकरण में साइबर थाने के उपनिरीक्षक मनीष चारण ने साइबर सेल की मदद से अनुसंधान किया।
15 जुलाई-साइबर थाना पुलिस ने साइबर सेल के साथ मिलकर प्रकरण में नागौर के बीएससी के दो छात्र हरीश और रघुनाथ को पकड़ा था। उनसे कुछ रकम बरामदगी के बाद प्रकरण में चालान पेश कर दिया।
-पीडि़त एनआरआई ने पुलिस की कार्रवाई शैली पर सवालिया निशान लगाते हुए पुलिस मुख्यालय व गृह विभाग में शिकायत कर दी।
-प्रकरण में मुख्यालय से आई फाइल की जांच सीओ(साउथ) ओमप्रकाश को दी गई। सीओ साउथ ने प्रकरण में अनुसंधान शुरू किया।
-1 दिसम्बर को नागौर मेड़ता सिटी डांगावास निवासी नर्सिंग छात्र मनीष मुंडेल(24) को गिरफ्तार किया। उसके बैंक खाते में 22 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन मिला।
3 दिसम्बर को उदयपुर के मुख्य आरोपी कथित चाटर्ड अकाउंटेंट मनीष कपूर, विजय पटेल, अनुराग जैन, विपुल जैन, लोकेश जाट, ओमप्रकाश बैरागी, विशाल वर्मा, राजसमंद के रवि जाट को गिरफ्तार किया।
5 दिसम्बर को सीओ ओमप्रकाश ने मनीष कपूर समेत 9 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। जहां मनीष कपूर ने गिरफ्तारी पर कोर्ट में पुलिस का काला चिट्ठा उजागर कर दिया।

यह है मामला

पुलिस के अनुसार 6 जुलाई को रामगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले एनआरआई ने साइबर थाने में रिपोर्ट दी कि आरोपियों ने उसे मोतीलाल पीएमएस नामक फर्जी एप/लिंक के माध्यम से शेयर बाजार में अच्छा मुनाफा दिलाने के नाम पर उससे सवा करोड रुपए अलग अलग खातों में डलवाए। उसने जब रकम वापस निकालना चाहा तो उसे धोखाधड़ी का पता चला।
इनका कहना है…

साइबर थाने के उप निरीक्षक मनीष चारण व साइबर सेल के सहायक उपनिरीक्षक दुर्गेश सिंह को निलम्बित किया है।

हिमांशु जांगिड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर

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