उपखंड-ग्रामीण कॉलेजों के हाल
गवर्नमेंट कॉलेज टोडारायसिंह और श्रीगंगानगर के गवर्नमेंट कॉलेज हिंदुलमकोट में कोई शिक्षक नहीं है। अनूपगढ़ के राज. सेठ बिहारी छबड़ा कॉलेज, एसएमसीसी कॉलेज आबूरोड में हिंदी पढ़ाने के लिए एक-एक शिक्षक है। राज्य के 300 से ज्यादा नए और पुराने कॉलेज में हिंदी विभाग में या तो पद रिक्त है अथवा स्थायी-विद्या संबल योजना के तहत किसी तरह कामकाज चलाया जा रहा है। 216 पदों पर होनी है भर्ती
राजस्थान लोक सेवा आयोग की सहायक आचार्य भर्ती-2023 में हिंदी के 216 पदों पर भर्ती होगी। परीक्षा हो चुकी है। अब परिणाम के बाद साक्षात्कार कराए जाने हैं।
हिंदी कोर्स में लगातार घट रहे प्रवेश
यूजी-पीजी कॉलेज में संचालित हिंदी कोर्स में दाखिले घट रहे हैं। युवाओं का रुझान हिंदी में एमए करने की तरफ घट रहा है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में 9 साल से कोई स्थायी शिक्षक नहीं है।
इंजीनियरिंग में अंग्रेजी पर जोर
आरटीयू, बीटीयू के अधिकांश कोर्स अंग्रेजी में हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रथम वर्ष में कम्यूनिकेशन स्किल के लिए अंग्रेजी पढ़ाई जाती है। कई राज्यों में कोर्स हिंदी में तैयार हुए पर पढ़ने वाले विद्यार्थी 10 प्रतिशत भी नहीं हैं। संस्कृत और हिंदी विश्व की सबसे समृद्ध भाषा है। कॉलेज और विश्वविद्यालयों में हिंदी के शिक्षकों की कमी और विद्यार्थियों की घटती रुचि चिंताजनक है। नई भर्तियों के साथ-साथ हिंदी भाषा पाठ्यक्रमों को कौशल और रोजगारोन्मुखी बनाना बहुत जरूरी है। – डॉ. नवलकिशोर भाभड़ा, सेवानिवृत्त कॉलेज शिक्षा आयुक्त