कानूनन अपराध
सिक्का अधिनियम 2011 बताता है कि कोई भी व्यक्ति सिक्का लेने से इनकार नहीं कर सकता। ऐसा करने पर भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934, भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।छोटे दुकानदारों को लेना होगा भरोसे में
ठेला लगाने वाले व छोटे दुकानदार, डेयरी बूथ आदि में लोगों को 10 के सिक्के लेने होंगे। उनके काउंटर पर आने वाले सिक्कों को बैंक से चेंज करा सकते हैं। इन दुकानदारों व सब्जी विक्रेताओं के जरिए यह बातें फैलती हैं कि अमुक सिक्का नहीं चल रहा। महिलाओं के जरिए घरों व बाहर यह बातें चर्चा में आ जाती है। मुद्रा लेने से इनकार करने पर रिजर्व बैंक में भी सीधे रिपोर्ट लिखाई जा सकती है। यह भी पढ़ें
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ये है दुकानदारों की समस्या
इनका कहना है… कॉइेनज एक्ट की 11 (6) के तहत भारतीय मुद्रा को लेने से इनकार या अपमान करने पर सजा का प्रावधान हैं। नए कानून भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 में एक साल या जुर्माना पांच हजार रुपए तक के प्रावधान हैं। (पूर्व में भादस में यह धारा 188 थी जिसे हटा दिया गया। इसके साथ ही धारा 124 (ए) को हटा दिया गया है।) – सत्यकिशोर सक्सेना, वरिष्ठ एडवोकेट बाहर से आने वाले लोग जब सिक्का देते हैं, तो दुकानदार नहीं लेते। ऐसे में विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। उनके शहरों में संभवत प्रचलन में होता है। जिम्मेदारों या बैंक प्रबंधन को इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि सिक्के उनके यहां स्वीकार्य होंगे। – बालेश गोहिल
सरकार को कठोर कदम उठाना चाहिए। भारतीय मुद्रा का अपमान करने पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। लोगों की शिकायत सक्षम अधिकारी के समक्ष की जानी चाहिए। – सर्वेश बजाज सिक्का लेने से इनकार करने पर कानून का उल्लंघन होता है लेकिन सिक्के लेने के बाद दूसरे ग्राहक नहीं स्वीकार करते। ऐसे में छोटे मोटे लेन-देन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। – अरुण गुप्ता