दलालों का डेरा पत्रिका टीम ने शनिवार को केन्द्रीय रोडवेज बस स्टैंड के सामने किशनगढ़ रूट के बस स्टॉप पर गतिविधियों को देखा। कुछ दलाल जोर-जोर से किशगढ़-जयपुर के लिए आवाजें लगाकर सवारियां भर रहे थे। इस बीच वह मौके पर ही अवांछित गतिविधियों में भी लिप्त रहे। एक ठेले पर चद्दर डालकर एक-दूसरे को बीयर पिला रहे थे। खाली बोतल भी वहीं फेंक दी। इसके बाद फिर से सवारियों के लिए आवाज लगाने लगे।
किशनगढ़ शटल सेवा का संचालन रोडवेज बस परिचालक भी किशनगढ़ की सवारियों के लिए इसी स्टॉप पर वाहन लगाते हैं। बसों में सवारियां जाती भी हैं लेकिन रोडवेज की बसों की संख्या कम होने के कारण अधिकांश सवारियां निजी बसों में सफर करती हैं।
दिन में मिलते हैं पांच सौ रुपए एक दलाल ने बताया कि करीब 40 बसें दिनभर में भरती हैं। इनमें से करीब 20 बसों में जयपुर व किशनगढ़ के लिए सवारियां भरने का काम है। अन्य बसें नागौर, कुचामन व पुष्कर की ओर आरपीएसी या टोडरमल मार्ग से रवाना होती हैं। दलाल को एक बस रवाना करने का 50 रुपए मिलता है। करीब 20 बसों के एक हजार होते हैं। दो दलाल हैं तो प्रत्येक को दिन भर सवारियां भरने के 500 रुपए मिलते हैं।