कस्बे के शांतानन्द उदासीन आश्रम में बुधवार को स्वामी गुरशरणानन्द ने मंत्रोच्चार के साथ स्वामी शांतानंद व स्वामी हिरदाराम की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इसी अवसर परसंतों के जीवन दर्शन पर आयोजित संत समागम में उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए संतों के उपदेशों पर अमल करना जरूरी है।
समारोह के तहत सुबह 1० बजे रामायण का अखंड पाठ शुरू हुआ। शाम साढ़े चार बजे धर्म ध्वजा स्थापना की गई और सत्संग हॉल का लोकार्पण किया गया। इसी अवसर पर स्वामी गुरशरणानंद रमणरेती ने मंत्रोच्चार के साथ स्वामी शांतानंद व स्वामी हिरदाराम की प्रतिमाओं का अनावरण किया।
इस दौरान संत समागम का आयोजन भी किया गया। कपिल मुनि हरेराम आश्रम हरिद्वार, गुरु गंगेश्वर धाम के संत स्वामी वेदानंद, अमरकंटक के तपस्वी देवेश्वरानन्द, हंसराम हरि सेवा धाम भीलवाड़ा, महंत रामेश्वर मुनि विधाता (पंजाब), स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ (युवाचार्य) भानपुरा, महंत लक्ष्मणदास पंचमुखी दरबार भीलवाड़ा, स्वामी उमेशनाथ उज्जैन, सन्तोषदास इन्दौर, अर्जुनदास उल्लासनगर, आत्मदास उज्जैन, श्यामसुन्दर दास ओंकारेश्वर, स्वरूपदास, खिमियादास, संतोषदास सतना, गणेशदास भीलवाड़ा, श्यामदास किशनगढ़, स्वामी साजनदास उल्लासनगर, दर्शनदास गांधीधाम, पुरुषोत्तमदास सतना, स्वामी लखमीचन्द गिरी भोपाल, माधवदास इन्दौर, स्वामी दीपकलाल भावनगर ने भी आशीर्वचन कहे। संतों की महिमा बताई। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत, पालिकाध्यक्ष कमल पाठक ने संतों का सम्मान किया