सितम्बर में लगाए बीज, दिसम्बर में केसर तैयार
सितम्बर में बीज लगाने के बाद अक्टूबर में कलियां आना शुरू हो गई। कमरे में शुद्ध हवा जाने के लिए कुछ देर खिड़की को खोला जाता था। दिसम्बर में कलियों में फूल के साथ केसर निकलना शुरू हो गया है। जिसे इन दिनों सुखाया जा रहा है।Rajasthan Weather: राजस्थान में अब पड़ेगी कड़ाके की ठंड, IMD ने इन 13 जिलों में अलर्ट किया जारी
कम खर्चे में केसर उत्पादन
इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियर गुरकीरत ने बताया कि उन्होंने घर में लगे इन्वर्टर एसी का इस्तेमाल किया। 1 से 1.50 लाख रुपए के स्मार्ट गैजेट की बजाय 2 से 3 हजार रुपए का ह्मयूमिडिफाइर तैयार किया। साधारण सफेद एलडीडी लाइट के अलावा नीले और लाल प्रकाश के लिए 500 से 1 हजार रुपए तक की लाइट का इस्तेमाल किया। 25 से 40 हजार रुपए में केसर का उत्पादन हो गया।मिट्टी की कराई जांच
केसर के लिए अजमेर में उपलब्ध मिट्टी की जांच मृदा कार्यालय में कराई। इसमें आवश्यक वर्मी कम्पोस्ट डाला। विभिन्न स्तर पर ऑनलाइन जांच भी की।सरकारी नौकरी वाले दूल्हे की अनूठी पहल, लाखों का दहेज छोड़कर सिर्फ एक नारियल लेकर रचाया ब्याह
यों करें शुद्धता की जांच
केसर का पिछला हिस्सा होता है बहुत पतला