पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मोहर्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में तकरीर होती है। ऐसे में तकरीर पेश करने वाले और उनको बुलाने वाले व्यक्ति या संगठन की पूर्व जानकारी रखी जाए। मौलाना की ओर से पढ़ी जाने वाली तकरीर भी पूर्व निर्धारित होनी चाहिए। इसमें सिर्फ धार्मिक तकरीर ही पढऩे की इजाजत दी जाए। किसी तरह की राजनीतिक चर्चा नहीं हो। उन्होंने कहा कि किसी प्रतिबंधित संगठन से जुड़े मौलाना को तकरीर पेश करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। साम्प्रदायिक सौहाद्र्र बिगडऩे की स्थिति में संगठन और आयोजनकर्ता के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
READ MORE : जिला प्रशासन से मांगी 200 तलवारें 200 साल से बना रहे हैं ताजिया चांद दिखाई देने पर 1 या 2 सितम्बर से मोहर्रम की शुरूआत होगी। मोहर्रम करीब आते ही ख्वाजा साहब की दरगाह में अंजुमन की ओर से तैयार करवाया जा रहा सबसे बड़ा ताजिया शरीफ का निर्माण अंतिम चरण में है। दरगाह के बुलंद दरवाजे पर ताजिया बनाने का काम हाजी खलील अहमद और हाजी नफीस अहमद पिछले तीन महीने से कर रहे हैं। -200 साल से ताजिय़ा बना रहा है खलील और नफीस का परिवार
-3 महीने लगते हैं ताजिया बनाने में
-400 किलो के आस-पास वजन होता है ताजिया शरीफ का
-16 फीट लम्बाई का बनाया जाता है ताजिया शरीफ
-3 महीने लगते हैं ताजिया बनाने में
-400 किलो के आस-पास वजन होता है ताजिया शरीफ का
-16 फीट लम्बाई का बनाया जाता है ताजिया शरीफ