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अजमेर

फूलों से महकेगी ख्वाजा साहब की दरगाह, बहुत खास होती है यह रस्म

शाही कव्वाल आस्ताना शरीफ में जाकर मजार शरीफ पर फूलों का गुलदस्ता पेश करेंगे। इसमें विभिन्न धर्मों के लोग शामिल होंगे।

अजमेरFeb 13, 2024 / 09:41 am

raktim tiwari

Khawaja moinuddin chishty Dargah fragrant with Beautiful flowers

सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में बुधवार को बसंत पहुंचेगा। बरसों पुरानी परम्परा के अनुसार शाही चौकी के कव्वाल सूफियाना कलाम पेश करते हुए दरगाह में बसंत पेश करेंगे।

बसंत का जुलूस सुबह 9 बजे दरगाह के मुख्य द्वार निजाम गेट से रवाना होगा। इसमें शाही कव्वाल अमजद हुसैन, अख्तर हुसैन और उनके साथी हाथों में फूलों का गुलदस्ता लिए और बसंत के गीत गाते हुए चलेंगे। बसंत का जुलूस बुलंद दरवाजा , शाहजहानी गेट होते हुए अहाता-ए-नूर पहुंचेगा। शाही कव्वाल आस्ताना शरीफ में जाकर मजार शरीफ पर फूलों का गुलदस्ता पेश करेंगे। इसमें विभिन्न धर्मों के लोग शामिल होंगे।

यों शुरू हुई परम्परा

बताया जाता है कि हजरत निजामुद्दीन औलिया अपने भान्जे तकीउद्दीन नूह का इंतकाल होने के बाद उदास रहने लगे। उनके चेहरे पर खुशी लाने के लिए एक दिन हजरत अमीर खुसरो ने अपने लफ्जों से सजी बसंत पेश की। तब से सूफी संतों की दरगाहों में बसंत पेश किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया। ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में बसंत की परम्परा कब से शुरू हुई, यह अधिकृत जानकारी नहीं है लेकिन सालों से यह परम्परा शाही चौकी के कव्वाल निभाते आ रहे हैं।

होगा बसंत ऋतु का आगाज

बसंत पंचमी से बसंत ऋतु का आगाज होगा। इस दौरान प्रकृति में रंगबिरंगे फूलों की बहार नजर आएगी। पेड़ों पर नई पत्तियां दिखेंगी। हवाएं चलने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा।

पढ़ें यह खबर भी: दरगाह का विकास और स्वच्छता प्राथमिकता’

अजमेर. तारागढ़ दरगाह इंतेजामिया कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष मोहम्मद हारून खान ने पदभार संभाला। उन्होंने कहा कि तारागढ़ दरगाह का विकास और स्वच्छता उनकी पहली प्राथमिकता होगी। पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान, जल संरक्षण, पौधरोपण को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा वह विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और धरोहर संरक्षण और प्रोन्नति प्राधिकरण अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत से मुलाकात कर पुरा संपदा के संरक्षण और तारागढ़ क्षेत्र में विकास कार्य कराने का प्रयास करेंगे।

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