अजमेर में तत्कालीन ब्रिटिश-भारत सरकार ने अपने सैन्य अधिकारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए किंग जॉर्ज रॉयल इंडियन मिलिट्री स्कूल (अब राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल) स्थापित किया। कैप्टन डब्ल्यू एल क्लार्क पहले प्राचार्य और अनवर अली खान और नवाब अली खान पहले विद्यार्थी रहे। स्कूल में 91 साल तक सिर्फ छात्र ही पढ़ते रहे। साल 2022 से पहली बार छात्राओं के दाखिले शुरू हुए हैं।
इन पूर्व छात्रों ने बढ़ाया कद
अजीत डोभाल-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत (पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत के पिता), लेफ्टिनेंट जनरल बलजीत सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल एस.एन.हांडा, लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर सिंह, मेजर जनरल रिशाल सिंह, मेजर जनरल दलवीर सिंह, मेजर जनरल विक्रम पुरी, रियर एडमिरल साई वैंकट रमन, एयर वाइस मार्शल संजीव कपूर सहित अन्य।
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आ चुकी हैं कई हस्तियां
लॉर्ड वेलिंगडन और लॉर्ड लिनिलिनथगो पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत पूर्व जनरल के.एस.थिमैया
अफसरों के चयन में आगे
1947 के बाद पुणे के निकट नेशनल डिफेंस एकेडमी बनाई गई। स्कूल से प्रतिवर्ष 20 से 25 छात्रों का सेना में चयन होता है। स्कूल 93 साल में 10 हजार से ज्यादा अफसर सेना और अन्य सेवाओं में दे चुका है। स्कूल 12 से ज्यादा लेफ्टिनेंट जनरल, 20 से ज्यादा मेजर जनरल, 70 ब्रिगेडियर, मेजर और अन्य अफसर दे चुका है।