आसींद भीलवाड़ा, बिजयनगर, गुलाबपुरा, खेजड़ी आदि क्षेत्रों से आए इन परिवारों को अभी तक किसी भी सरकारी आवासीय योजना का लाभ नहीं मिला है।पत्रिका टीम ने इन परिवारों से बातचीत कर जाने हालात। तीसरी पीढ़ी कर रही इंतजारयहां 50 साल से रह रहे हैं। कई परिवारों की तीसरी पीढ़ी है। कई बार माइक पर उद्घोषणा करते हुए सुना है कि सरकार मकान दे रही है लेकिन कोई नहीं आया। आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।पीरूछोटे बच्चों को सर्दी में झोंपड़ी में रखना काफी मुश्किल भरा है। यह तीन माह भारी गुजरते हैं। उनके बारे में गलत धारणा है कि आवंटित मकान बेच कर फिर झोंपड़ी में आकर रहने लगे।मीरासर्दी में बच्चों व महिलाओं के लिए रैन बसेरों का इंतजाम होना चाहिए। सरकार को सर्वे करवाकर वास्तविकता का पता लगाना चाहिए।
जग्गू निगम में जाकर अपनी परेशानी बताई। वहां अधिकारियों ने यहां से नहीं हटाने का आश्वासन दिया। लेकिन फिर भी उन्हें बार बार झोंपड़ी हटाने का अल्टीमेटम देने सरकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी आते रहते हैं।
रुकमा देवी