पिछली सरकारों में भी अजमेर का प्रतिनिधित्व रहा, लेकिन कोई विशेष सौगात अजमेर को नहीं मिल पाई। नतीजतन अजमेर कोटा, उदयपुर, जयपुर और जोधपुर से विकास, शैक्षिक संस्थान, तकनीकी संस्थान एवं मेडिकल संस्थानों में काफी पिछड़ा हुआ है। अजमेर को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के साथ देश में भी पहचान मिले इसके लिए सरकार में भूमिका निभाने वाले जनप्रतिनिधियों को इस बार एक-एक कर बड़े संस्थान एवं ढांचागत विकास करवाने की जरूरत है। उधर, केन्द्र में भी पिछली सरकार में केबिनेट मंत्री के रूप में भूपेन्द्र यादव ने बड़ी भूमिका निभाई। सांसद के रूप में भी भागीरथ चौधरी रहे हैं।
अजमेर को मिले ये सौगात
कोटा में शांतिलाल धारीवाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, जोधपुर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उदयपुर में हरिदेव जोशी, मोहनलाल सुखाड़िया आदि ने विकास करवाए। भीलवाड़ा में शिवचरण माथुर की विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जयपुर के विकास में भाजपा-कांग्रेस की दोनों सरकारों ने विकास करवाए।
- एम्स
- आईआईएम
- तकनीकी कॉलेज एवं तकनीकी विश्वविद्यालय
- नया विश्वविद्यालय
- कृषि विश्वविद्यालय
- लॉ यूनिवर्सिटी
कोटा में शांतिलाल धारीवाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, जोधपुर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उदयपुर में हरिदेव जोशी, मोहनलाल सुखाड़िया आदि ने विकास करवाए। भीलवाड़ा में शिवचरण माथुर की विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जयपुर के विकास में भाजपा-कांग्रेस की दोनों सरकारों ने विकास करवाए।
अजमेर में विकास की जरूरत
अजमेर संभाग मुख्यालय है। अब नए जिलों के गठन के बाद प्रशासनिक कुनबा भी बढ़ा है। अजमेर के साथ ब्यावर, केकड़ी, शाहपुरा, डीडवाना-कुचामन, नागौर, टोंक जिला इसमें शामिल है। ऐसे में संभाग मुख्यालय का विकास भी अपेक्षित होना चाहिए।
- लाईओवर ब्रिज बने
- रिंग रोड बने
- मिनरल इंडस्ट्री विकसित की जाए, ताकि लोगों को रोजगार मिले।
- कृषि प्रौद्योगिकी प्रसंस्करण स्थापित हों।
- मोटा अनाज के प्रोडक्ट के लिए इंडस्ट्री स्थापित हो।
- खेल, मनोरंजन के लिए साधन बढ़े
- अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों के लिए क्रिकेट, फुटबॉल के खेल स्टेडियम बनें एवं आयोजन हों।
अजमेर संभाग मुख्यालय है। अब नए जिलों के गठन के बाद प्रशासनिक कुनबा भी बढ़ा है। अजमेर के साथ ब्यावर, केकड़ी, शाहपुरा, डीडवाना-कुचामन, नागौर, टोंक जिला इसमें शामिल है। ऐसे में संभाग मुख्यालय का विकास भी अपेक्षित होना चाहिए।